बरेली। बीएल एग्रो इण्डस्ट्रीज और खण्डेलवाल एडिबल ऑयल के ठिकानों में हुई आयकर छापामार कार्रवाई रविवार को पूरी हो गयी। तीन दिन चली छापामारी में अधिकारी कार्रवाई पूरी कर सुबूत जुटाकर चौथे दिन दिल्ली लौट गये। खंडेलवाल एडिबल ऑयल के मालिक दिलीप खंडेलवाल ने 35 करोड़ रुपये विभाग को सरेंडर कर दिये। बीएल एग्रो के मालिक घनश्याम खंडेवाल ने कुछ सरेण्डर नहीं किया। उनसे तमाम सुबूत एकत्र किए। फिलहाल इनके यहां टैक्स चोरी का खुलासा अधिकारियों ने नहीं किया है।
… तो बरेली के नीरव मोदी होते घनश्याम खण्डेलवाल
आयकर विभाग के प्रधान निदेशक (जांच) अमरेंद्र कुमार ने बताया कि आयकर विभाग ने एक और नीरव मोदी बनने से बचा लिया। घनश्याम खंडेलवाल ने स्टॉक ज्यादा दिखाकर बैंकों से लोन लिया और सीसी लिमिट बढ़ाई। उनके स्टॉक में तीन सौ करोड़ कम हैं। बैंक के साथ मिलकर उन्होंने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। कुछ फर्जी कंपनियों जो बंद हो गईं, उनके दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये हैं। अन्य सभी साक्ष्य जुटा लिये गये हैं। बंद कंपनियों की आरओसी से भी डिटेल लेंगे। सभी दस्तावेजों का एसेसमेंट किया जाएगा। उसके बाद टैक्स लगाएंगे।
बता दें कि आयकर विभाग के 250 से अधिक अधिकारियों की टीमों ने गुरुवार सुबह बीएल एग्रो इण्डस्ट्रीज (बैल कोल्हू) और खंडेलवाल एडिबल ऑयल्स (चक्र) के घर, आफिस समेत 27 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। इसके साथ ही रामपुर गार्डन स्थित उनके सीए के दफ्तार को भी सीज कर जांच शुरू की। दस्तावेजों को खंगालने और पूछताछ में सर्वम एडिबल ऑयल और मेगा ड्रीम होम में ब्यूटी पार्लर स्टूडियो-11 की संचालिका के घर भी जांच की।
KEO में मिलीं गड़बडिय़ां, 35 करोड़ सरेण्डर
खंडेलवाल एडिबल ऑयल्स के मालिक दिलीप खंडेलवाल के मकान, दफ्तर, गोदाम आदि में छानबीन के बाद अधिकारियों ने बड़ा गोलमाल पकड़ा। उनके माधोबाड़ी स्थित वेयरहाउस से करीब छह करोड़ के सोने-चांदी व हीरे के जेवर और घर से करीब तीन करोड़ के जेवर मिले। जांच में वह घोषित पाए गए। उनके यहां स्टॉक में 50 लाख का अंतर पाया गया। दस्तावेजों में भी हेराफेरी मिली। इसके बाद दिलीप खंडेलवाल ने 35 करोड़ का सरेंडर विभाग में किया।
अंतिम दिन विरोध, फैक्ट्री में जबरन घुसे उद्यमी
चौथे दिन भी उद्यमी से पूछताछ करने के विरोध में जिले के तमाम उद्योगपति, व्यापारी, डॉक्टर आदि रविवार सुबह ही परसाखेड़ा स्थित बीएल एग्रो फैक्ट्री पर एकत्र हो गए। सभी जबरन गेट के अंदर घुस गए। प्रधान निदेशक ने कहा कि व्यापारियों के अराजक व्यवहार से जांच अधूरी छोड़कर जानी पड़ रही है। इस पर उद्यमी, व्यापारी समेत अन्य भड़क गए। उन्होंने हंगामा कर अधिकारी से यह बात वापस लेने को कहा। बोले, इससे जिले की छवि अन्य जगह खराब होगी। फिर अधिकारी ने सभी के द्वारा सहयोग देने की बात कही और वहां से निकल गए।
लोन में हेराफेरी का आरोप
रेड के अंतिम दिन रविवार को भी बीएल एग्रो ऑयल्स कंपनी की जांच अफसरों ने की। प्रधान निदेशक (जांच) अमरेंद्र कुमार ने बताया कि संपत्ति के साथ करीब पांच सौ करोड़ का स्टॉक दिखाकर 530 करोड़ का बैंक लोन लिया गया है। इसमें अकेला बीओबी का 250 करोड़ है। इसके आधार पर 450 करोड़ की सीसी लिमिट ली है। जबकि जांच में तीन सौ करोड़ का स्टॉक नहीं पाया गया। यहां फर्जी तरीके से लोन लिया और सीसी लिमिट बनवाई गई है। इसकी रिपोर्ट बैंक को भेजी जाएगी।