शरद सक्सेना, आंवला (बरेली)। तहसील में समाजवादी पार्टी और समाजवादी सेक्युलर मोर्चे में मुकाबला जबरदस्त होने जा रहा है। शिवपाल यादव के सेक्युलर मोर्चा यहां जमीन तैयार कर रहा है तो समाजवादी पार्टी नेताओ की भगदड़ बीच जमीन बचाने में जुटी है। बुधवार को यहां सेक्युलर मोर्चा के नेता और समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे वीरपाल सिंह यादव ने शक्ति प्रदर्शन किया। उनके जबाव में कमान उनके ही समधी सपा के पूर्व विधायक महिपाल सिंह ने संभाली। उन्होंने भी ठीक उसी वक्त बैठक का आयोजन किया जब वीरपाल सिंह सभा कर रहे थे।
वीरपाल का हुआ जबर्दस्त स्वागत
समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा में शामिल होने के बाद पहली बार आंवला आये पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव का उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। तीन दर्जन से अधिक गाड़ियों और अनके बाइकों के साथ उनके काफिले को देवचरा, भमोरा, कुड्ढा में समर्थकों ने फूल-मालाओं से लाद दिया। उनका काफिला जब आंवला नगर के प्रवेश मार्ग पर पहुंचा तो वहां मौजूद उनके सैकड़ों समर्थकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए उनका जोरदार स्वागत किया।
इसके बाद रामनगर रोड स्थित एक बारातघर में अपने समर्थकों के हुजूम को देखकर वीरपाल यादव गदगद हो गये। यहां पर उन्होंने कहा कि स्थापना से लेकर अब तक उन्होंने संघर्ष करते हुए बरेली क्षेत्र में खून पसीने से पार्टी को सींचकर खड़ा किया। इसके बावजूद पिछले कुछ सालों से पार्टी में उनकी उपेक्षा की जा रही थी। तब उन्होंने सेक्युलर मोर्चे में जाने का निर्णय लिया। श्री यादव ने मोर्चा को भाजपा की बी टीम कहने पर सपा नेताओं को आड़े हाथों लिया। बोले-सपाईयह तो बताएं कि जिन प्रदेशों में भाजपा व कांग्रेस की सीधी टक्कर है वहां पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार कर किसको फायदा पहुंचा रहे है जबकि उप्र में कांगेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ते हैं।
इस दौरान कई ग्रामों के प्रधानों ने उनमें आस्था व्यक्त करते हुए मोर्चे की सदस्यता ग्रहण की। यहां पर अवनीश तिवारी को मोर्चे का विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष और अफसर खां के नगर अध्यक्ष बनाया गया। साथ ही सिरौली का अध्यक्ष हाजी नईम अंसारी को मनोनीत किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मलखान िंसहं व संचालन अवनीश तिवारी ने किया। यहां पर रईस अहमद, मुन्ने शफीक, आदेश यादव, हाजी शकील अहमद, अदनान खां, नरदेव सिंह, पप्पू यादव, जीराज िंसह यादव, रमन जौहरी, विषाल यादव, डा. रवीन्द्र यादव,राहुल कष्यप, संतोष सिंह आदि मौजूद रहें।
महिपाल यादव ने भी की बैठक, गायब रहा संगठन
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी में मची भगदड़ को रोकने तथा अपने समर्थकों को एकि़त्रत करने के उद्देश्य से वीरपाल के समधी सपा नेता महिपाल सिंह यादव ने भी एक बैठक की। यह बैठक उन्होंने अपने आवास मोहल्ला यादवों वाली पुलिया पर की। पूर्व विधायक महीपाल सिंहयादव ने यह बैठक ठीक उसी समय पर की जिस समय पर उनके समधी वीरपाल सिंह यादव का एक बारात घर में स्वागत समारोह चल रहा था। यह बारात घर उनके आवास से मात्र 500 मीटर की दूरी पर था।
यहां पर श्री यादव ने कहा कि आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को यदि प्रदेश में कोई चुनौती दे सकता है तो वह सिर्फ सपा व अखिलेश यादव ही हैं। उन्होंने कहा कि वे समाजवादी थे और हमेशा रहेंगे। 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उनका निष्कासन कर दिया परन्तु उन्होंने कभी पार्टी को नहीं छोड़ा। बाद में उनको पुनः पार्टी में वापस लिया गया। अपने समधी के सेक्युलर मोर्चे में शामिल होने के सवाल को उन्होंने टाल दिया।
सपा संगठन ने बनायी महिपाल से दूरी
वहीं महिपाल सिंह यादव की बैठक में सपा संगठन ने दूरी बनाये रखी। तहसील के भी कुछ गिने-चुने लोग ही पहुंचे। यहां पर शुभलेश समर्थकों की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। कार्यक्रम में अमित राज सिंह उर्फ रज्जन यादव, महावीर सिंह यादव, सोनू यदुवंशी, सभासद, रामपाल गुप्ता, भैरम सिंह यादव, जगपाल सिंह, देवपाल सिंह, दिनेश गुप्ता, असरफ खान, शादाब, गुडडू खां, राकेश प्रताप सिंह, गिरीश तिवारी, हाजी हुमांयु शौकत रिजवान अंसारी, आदि मौजूद रहे।
फुंके कारतूस हैं सेक्युलर मोर्चा के लोग
महिपाल की बैठक से सपाईयों के नदारद रहने के बावजूद सपा जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव ने वीरपाल सिंह के कार्यक्रम को फ्लॉप शो बताया। बोले-वीरपाल सिंह के साथ गये लोग फुंके हुए कारतूस हैं। कहा कि हम पर आरोप लगाने वाले अपने गिरेहबान में झांककर देखें जिन्होंने हमेशा से सपा को बरेली जनपद में हराने का काम किया है। सपा के लोग सत्ताधारी दल से बंगला व जेडश्रेणी सुरक्षा नहीं मांगते। आज उनके साथ वहीं लोग गए है जिनको उन्होंने व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया है। बेगम वाली मस्जिद की जमीन का जब बखेड़ा खड़ा हुआ तो उन्होंने आनन-फानन में उसका बैनामा जिनके नाम कराया आज वही लोग उनके साथ लगे हुए हैं। सच्चे समाजवादी का पूरा विश्वास मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव में है। सच्चा समाजवादी अपने स्थान से डिगा नहीं है।