आंवला। कच्ची और टूटी-फूटी दीवारों पर पॉलीथिन की छत तानकर, रात काटना और भीख मांगकर अपना और अपने पौत्र-पौत्री का पेट भरना। बस, यही नियती बन गयी थी 75 वर्षीय पार्वती की। आधार कार्ड है, लेकिन वृद्धावस्था पेन्शन नहीं है। कोटेदार की कृपा हो जाये तो कुछ राशन मिल जाये वरना दर-दर की ठोकरें…। लेकिन अब शायद उसकी स्थिति सुधर जाये। मामला संज्ञान में आने पर आज एसडीएम ने गांव पहुंचकर उसकी सुध ली और ग्राम प्रधान तथा कोटेदार को फटकारा।
मामला आंवला क्षेत्र के रागनगर ब्लाक के ग्राम व्योधनखुर्द का है। यहां वक्त की मारी 75 वर्षीय वृद्धा पार्वती अपने छोटे से पौत्र और पौत्री के साथ गुजर-बसर करती है। अपना और बच्चों का पेट भरने को वह गांव और आसपास भीख मांगती है। इन मासूमों के सिर से माँ-बाप का साया पहले ही उठ चुका है। अब वृद्धा पार्वती ही इनकी पालनहार है। पार्वती के दो पुत्र छेदालाल और बाबू थे। दोनों का पहले ही बीमारी के चलते देहान्त हो चुका है। छेदालाल की पत्नी, पति की मृत्युपरोन्त घर छोड़कर चली गयी। वहीं बाबू की पत्नी की भी मौत हो जाने के बाद अपनी पौत्री और पौत्र के पालन-पोषण की जिम्मेदारी बूढ़ी पार्वती पर आ गयी। जब वृद्धा को कोई सहारा न मिला तो उसने भीख मांगना शुरू कर दिया।
पॉलीथिन की छत के नीचे गुजारती है जाड़े की रातें
इस परिवार के पास रहने को छत के नाम पर मात्र एक पॉलीथीन की छत है, राशनकार्ड व वृद्धावस्था पेंशन दूर की कौड़ी है। बाबू की मौत के बाद उसके दो पुत्र मजदूरी करने बाहर चले गये उन्होंने मुड़कर परिवार की ओर नहीं देखा। राशनकार्ड व पेंशन के लिए उसने सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाये परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई। बताते हैं कि इस गांव में कई अन्य लोग भी हैं जिनके राशनकार्ड नहीं हैं। वे भी भीख मांगकर गुजारा कर रहे है।
ग्राम प्रधान सुखदेई के पति मुन्नालाल का कहना है कि वृद्धा पार्वती के पास न तो आधार कार्ड है और न ही बैंक में खाता। ऐसे में इनको किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सका।
एसडीएम ने कोटेदार और प्रधान को हड़काया
मामला संज्ञान में आने पर एसडीएम विशुराजा ग्राम व्यौधनखुर्द पहुंचे। वहां वृद्धा के परिवार से मिलकर उसे हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। तो मौके पर गांव की ही शांति भीख मांगते मिली। उसने बताया कि उसके पति की मृत्यु के बाद वह भीख मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। उसका भी राशन, आवास व पेंशन नहीं बने हैं। इस पर उपजिलाधिकारी कोटेदार को बुलाकर कहा कि जल्द ही ऐसे लोगों को चिन्हित करें। उनको सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलावें। मौके पर ग्रामीणों ने शिकायत की कि राशनकार्ड की पर्ची होने के बाद भी कोटेदार उनको राशन आदि नहीं देता है।
एसडीएम ने ग्राम प्रधान से कहा कि वे पार्वती को लेकर उनके कार्यालय आयें। पेन्शन आदि की जो भी औपचारिकताएं हैं पूरी करायें। जिससे वह अपना और दोनों बच्चों का भरण पोषण कर सके।