बुलंदशहर। गोवंश मिलने के बाद बुलंदशहर के स्याना में भड़की हिंसा में पुलिस निरीक्षक (inspector) स्याना सुबोध कुमार सिंह व एक युवक सुमित की हत्या के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा चार से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस प्रकरण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेहद गंभीरता से लिये जाने के चलते एडीजी इंटेलिजेंस एसवी शिरोडकर ने स्वयं मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में स्याना कोतवाली में उपनिरीक्षक सुभाष सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, भाजपा युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल और विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी नामजद किया गया। हालांकि, तीनों की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। एडीजी आनंद कुमार ने मंगलवार तो प्रेस वार्ता में इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इस मामले में आशीष, चमन, देवेंद्र और सतीश को गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में 88 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें 27 नामजद हैं।
पुलिस ने सोमवार रात से ही ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी थी। पुलिस ने रातभर महाव और चिंगरावठी गांवों में छापेमारी की। पुलिस चश्मदीदों और सामने आई वीडियो-तस्वीरों के आधार पर छापेमारी कर रही है। महाव और चिंगरावठी, दोनों ही गांव घटनास्थल के नजदीक स्थित हैं। माना जा रहा है कि 400-500 लोगों की भीड़ इन्हीं गांवों से आई थी। पुलिस की छह टीमों ने कुल 22 ठिकानों पर छापेमारी की। आसपास के जिलों में पुलिस की टीमें भी संदिग्धों की तलाश में दबिश दे रही हैं।
दंगाइयों ने ऐसे ली जांबाज इंस्पेक्टर सुबोध की जान
वायरल वीडियो में खुलासा हुआ है कि साथी पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर सुबोध को अकेला छोड़कर न भागते तो उनकी जान बच सकती थी। वारदात के तीन घंटे बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो इस बात के संकेत दे रहा है कि सुबोध को बचाया जा सकता था। बलवाइयों ने खेत में घेरकर कोतवाल सुबोध पर हमला किया जिसमें उनकी सरकारी जीप भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। भीड़ के तेवरों को देखकर साथी पुलिसकर्मी कोतवाल को अकेला छोड़कर भाग गए। 35 सेकेंड का यह वीडियो गवही दे रहा है खेत के बीच में कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की क्षतिग्रस्त जीप खड़ी है और वे घायल अवस्था में आधे जमीन व आधे पिछली सीट पर पड़े हुए हैं। कुछ युवक यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ‘अरे ये तो वही एसओ है’। लोग उनके बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।