वीवीआइपी

नई दिल्‍ली : संप्रग (UPA) सरकार के दौर में 3600 करोड़ रुपये के 12 अगस्‍तावेस्‍टलैंड हेलीकॉप्‍टर की खरीद (वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला) में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन जेम्स मिशेल (57) को दुबई से भारत प्रत्‍यर्पित कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि ब्रिटिश-इतालवी फर्म अगस्‍तावेस्‍टलैंड ने यह डील हासिल करने के लिए मिशेल को दलाली के लिए कथित रूप से 42 मिलियन यूरो (295 करोड़) दिए।

मिशेल पर अगस्‍तावेस्‍टलैंड के लिए यह डील हासिल करने के लिए सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है। सह आरोपियें में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। षड्यंत्र के तहत लोक सेवकों ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया।

नई दिल्‍ली के पटियाला हाउस में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने 24 सितंबर 2015 की तिथि वाला खुला गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके बाद मिशेल फरार हो गया और जांच में शामिल होने से बच रहा था। उसके खिलाफ पिछले साल सितंबर में आरोपपत्र दायर किया गया। सीबीआई के अनुसार इस वारंट के आधार पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जिसके बाद फरवरी 2017 में उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया।

 



कौन है क्रिश्चियन मिशेल
सीबीआई के मुताबिक मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का ‘‘ऐतिहासिक परामर्शदाता’’ है। उसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी संचालनात्मक जानकारी थी। मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था। इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के परामर्शदाता रह चुके थे। वह कथित तौर पर बार-बार भारत आता रहता था तथा भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय में मौजूदा व सेवानिवृत्त अधिकारियों समेत विभिन्न स्तरों पर सूत्रों के एक बड़े नेटवर्क के जरिए रक्षा खरीद के लिए बिचौलिए के तौर पर काम कर रहा था। इस हेलीकॉप्टर घोटाले में अगस्तावेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई।

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