नई दिल्ली। अपने फ्लैट का इंतजार कर रहे लोगों के करीब 3000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल दूसरे व्यापार में करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली बिल्डर को बड़ा झटका दिया। शीर्ष अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के फाइव स्टार होटल, लग्जरी कारों, मॉल, FMCG कंपनी, फैक्टरी कॉरपोरेट ऑफिस और होमबॉयर्स के पैसे से खरीदी गई अन्य संपत्ति को अटैच करने के निर्देश दिए। अदालत ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को ये संपत्तियां बेचने का निर्देश दिया है।

शीर्ष अदालत ने आम्रपाली के सीएमडी और निदेशकों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू किए जाएं। साथ ही आम्रपाली ग्रुप से जुडे लोगों को निर्देश दिया कि होम बायर्स से मिले सभी रुपये सुप्रीम कोर्ट के खाते में सोमवार तक जमा कर दें।  कोर्ट ने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने 2015 से 2018 तक के बीच के कागजात सोमवार तक फोरेंसिक ऑडिटर्स को सौंपने को भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने NBCC से भी पूछा है कि आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट किस तरह पूरे होंगे। अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। दरअसल आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा की और से माना गया कि होम बॉयर्स के 2900 करोड रुपये दूसरी कंपनियों व अफसरों को बतौर गिफ्ट व अन्य तरीके से दिए गए।

सीएमडी व दो निदेशक हैं नजरबंद

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा और दो निदेशक की दिवाली पर घर जाने की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। कंपनी के वित्तीय लेन-देन की पूरी जानकारी न मिलने पर असंतोष जताते हुए कोर्ट ने ऐसी कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया था। तीनों फिलहाल पुलिस की निगरानी में नोएडा के एक होटल में नज़रबंद हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों- अनिल शर्मा, शिवप्रिया व अजय कुमार की पुलिस हिरासत 15 दिन के लिए बढ़ा दी थी।

दस्तावेज़ों का केटलाग तैयार करने के दिए थे निर्दश

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि तीनों निदेशक पुलिस निगरानी में रहकर अपने ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेज़ों का केटलाग तैयार कर फ़ारेंसिक आडिटर्स को सौंपेंगे। तीनों निदेशक रोज़ सुबह आठ से शाम छह बजे तक दस्तावेज़ों का केटलाग बनवाएंगे। इसके बाद पुलिस की निगरानी मे नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल में रहेंगे।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। तीनों निदेशकों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपने प्रोजेक्टों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराने का आरोप है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के निदेशकों समेत कुछ अन्य अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी भेजा था।

 

कोर्ट से मांगा था और समय

तीन दिन तक नोएडा व दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान फॉरेंसिक ऑडिट संबंधी सभी दस्तावेज एकत्र नहीं हो सके थे। पुलिस ने तीनों निदेशकों को कोर्ट में पेश कर संबंधित दस्तावेज एकत्र करने के लिए और समय मांगा था। इस पर शीर्ष अदालत ने तीनों निदेशकों को फिर से 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। आम्रपाली समूह को फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपनी 46 कंपनियों के दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराने हैं।

 

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