आँवला (बरेली)। आंवला में अगले एक नयी खाण्डसारी यूनिट चालू हो जाएगी। इसमें रोजाना 500 टन गन्ने की पिराई की जाएगी। क्षेत्र के बड़े कारोबारी मदन स्वरूप सक्सेना को इसका लाइसेन्स मिल गया है। उन्होंने प्लाण्ट का निर्माण भी शुरू करा दिया है। यह जानकारी श्री सक्सेना ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए दी।
मदन स्वरूप सक्सेना ने बताया कि प्रदेश सरकार मंशा गन्ने की अच्छी पैदावार के दृष्टिगत गन्ने की पेराई सुनिश्चित करने तथा लघु उघोगों को बढ़ावा देने की है। यह रोजगार सृजन की दिशा बड़ा कदम है। साथ ही गन्ना कृषकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, पेराई सत्र 2018-19 से नई खांडसारी नीति को केबिनेट की मंजूरी के उपरान्त तहत प्रदेश में नए लाइसेंस जारी किए गए हैं। सरकार की इस नीति से किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध होगा। वहीं इसके लागू होने से चीनी मिल से मात्र 8 किमी की दूर खांडसारी उद्योग लग सकेंगे। पहले चीनी मिल गेट से 15 किमी परिधि तक का नियम था।
आंवला-बिसौली रोड पर लग रही है यूनिट
इसी नीति के तहत नगर के समीपस्थ ग्राम मनौना के कारोबारी मदन स्वरूप सक्सेना ने खांडसारी उघोग का लाइसेंस मिला है। वह यूनिट की स्थापना अब आंवला-विसोली मार्ग पर कर रहे हैं। इस नयी यूनिट में अगले साल नवम्बर तक पेराई का कार्य शुरू हो जाएगा।
श्री सक्सेना ने बताया कि बीते अक्टूबर माह में इसका लाइसेंस जारी हुआ है। बताया कि इस क्षेत्र के विकास हेतु पहले भी चीनी मिल लगाने का प्रयास किया था परन्तु सफल नहीं हो सके। 60 करोड़ की लागत से 16 बीघा जमीन में लगने वाली इस यूनिट में आस-पास के गन्ना किसानों की हालत में सुधार आएगा।
प्लांट की क्षमता 500 से 1000 टीसीडी की होगी। इसमें रोजाना 5 सौ टन गन्ना पेरा जा सकेगा। श्री सक्सेना ने बताया कि गन्ना किसानों से हम सीधे गन्ना खरीद सकते हैं। हम किसानें को नकद धनराशि चुकाकर गन्ना खरीदेंगे। इसके अलावा हम स्वयं भी गन्ना उत्पादन करेंगे।