बरेली, Bareilly News, Bareilly Live, Bareilly Nagar Nigam, BJP Corporatos resigns, भाजपा के 43 पार्षदों ने पार्टी कार्यालय पर सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया,

बरेली। नगर निगम में पिछले काफी दिनों से सत्ता और अफसरों में जंग जारी है। आज सोमवार को इसी जंग में नया दांव चलते हुए भाजपा के 43 पार्षदों ने पार्टी कार्यालय पर सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। इन पार्षदों ने भाजपा कार्यालय पहुंच कर मेयर डॉ. उमेश गौतम, महानगर अध्यक्ष डॉ. के.एम. अरोड़ा और शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंपा।

यहां बता दें कि नगर आयुक्त ने पोर्टेबल शॉप आवंटन मामले में एक सभासद के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। इसी के बाद सभी पार्षद एक जून से नगर निगम में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं, प्रशासन ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए सुबह से ही नगर निगम परिसर को छावनी में बदल दिया था। भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के बीच नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन दफ्तर में बैठे। आज दिनभर पुलिस तैनात रही लेकिन कोई सभासद प्रदर्शन के लिए नहीं पहुंचा। निगम में आज 15 दिन बाद पार्षदों के नहीं आने से माहौल शांत रहा।

नगर निगम में अपनी ही सरकार में भाजपा सभासदों का इस तरह धरना प्रदर्शन किया जाना शहर में चर्चा का विषय बना हुआ था। प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 15 दिन से प्रदर्शन कर रहे पार्षदों पर शिकंजा कस दिया। शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट ने धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया। रविवार को पुलिस ने अपनी तरफ से संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। एक मुकदमा नगर निगम की तरफ से कार्यालय अधीक्षक ने दर्ज कराया है। एक मुकदमे में पार्षदों के साथ महापौर के खास कहे जाने वाले उपसभापति अतुल कपूर को भी शामिल कर लिया गया है।

सोमवार को नगर आयुक्त भारी पुलिस फोर्स के बीच अपने कार्यालय पहुंचे। वह पार्षदों के धरना प्रदर्शन के चलते अभी तक अपने कैंप कार्यालय (कोठी) पर बैठकर सरकारी कामकाज निपटा रहे थे। इससे वह जनता की समस्याएं नहीं सुन पा रहे हैं। इस पर सोमवार सुबह उन्हें फोर्स की मौजूदगी में दोबारा कार्यालय में बैठाया गया।

अब क्या करेंगे पार्षद ?

‘‘तू डाल-डाल, मैं पात-पात’’ का खेल खेल रहे पार्षदों ने आज इस्तीफा तो दे दिया लेकिन अपने अगली रणनीति का खुलासा नहीं किया है। इस मामले में न तो कई पार्षद और न ही अन्य भाजपा नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि शासन की पूरी नजर इस मामले पर लगातार बनी हुई है।

इन पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज सतवीर सिंह पुंढीर की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा गया है कि 15 जून को दोपहर साढ़े तीन बजे पार्षद मुनेन्द्र यादव, हरिओम, छंगामल, राजेन्द्र मिश्र, अनूप चमन उर्फ चमन सक्सेना के पति, राजकुमार, सतीश कातिब, विनोद कुमार सैनी, सीताराम व आठ-दस अन्य पार्षद अयूब खां चौराहे पर आए और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनके पुतले की शवयात्रा निकालकर उसे जलाया।

निगम के OS ने भी 18 पार्षदों पर दर्ज कराया मुकदमा

दूसरा मुकदमा निगम के कार्यालय अधीक्षक आरपी सिंह की तहरीर पर दर्ज हुआ। आरोप है कि नगर निगम में असंवैधानिक तरीके से धरना-प्रदर्शन किया गया। नगर आयुक्त को ऑफिस में नहीं बैठने दिया गया। पुलिस ने उपसभापति अतुल कपूर, पार्षद विनोद सैनी, सतीश चंद्र कातिब, अवनेश कुमार, छंगालाल मौर्य, नरेश शर्मा बंटी, आरेन्द्र अरोरा, अशोक गंगवार पार्षद पति, चमन सक्सेना पार्षद पति, महेश राजपूत, पूर्व पार्षद सीताराम रघुवंशी, अमित कुमार, मुनेन्द्र सिंह, दीपक सक्सेना, मुकेश सिंघल, अजय कुमार सिंह चौहान, अभिषेक सक्सेना, राजेंद्र मिश्र के नाम शामिल हैं।

यह है पूरा प्रकरण

पोर्टेबल शॉप आवंटन में दोषी बनाए जाने के बाद पार्षद विनोद सैनी पर रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके विरोध में पार्षद एक जून से ही धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग मुकदमा एक्सपंज कराने की है। बीते दिनों सिटी मजिस्ट्रेट ने नगर निगम के 200 मीटर दायरे में धारा 144 लगा दी। बावजूद इसके महापौर समेत पार्षद पुलिस की नाकाबंदी तोड़कर धरने पर बैठ गए। दूसरे दिन पार्षदों ने नगर आयुक्त का पुतला बनाकर जूतों से पीटा। फिर अगले दिन पुतला फूंका। इस पर प्रशासन ने छह पार्षदों, दो पूर्व पार्षद समेत 29 लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

By vandna

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