यहमहागठबंधन कुल मिलाकर 78 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा। सूत्रों के मुताबिक रायबरेली और अमेठी में गठबंधन को कोई प्रत्याशी मैदन में नहीं उतरेगा।
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को घेरने के लिए सपा-बसपा का महागठबंधन फाइनल हो गया है। सूत्रोंके मुताबिक सूबे की 80 लोकसभासीटों में से सबसे ज्यादा सीटों पर बसपा मैदान में होगी। तय फॉर्मूले के तहत बसपा37 जबकि सपा 36 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसमहागठबंधन में शामिल छोटे दलों में से रालोद तीनजबकि सुहेलदेवभारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) व निषाद पार्टी 1-1सीट पर चुनाव लड़ेंगी। यानी महागठबंधन कुल मिलाकर 78 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा।
सूत्रों के मुताबिक रायबरेली अमेठी और रायबरेली में महागठबंधन अपने प्रत्याशियों को नहीं उतारेगा। रायबरेली से इस समय कांग्रेस नेता सोनिया गांधी जबकि अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा सदस्य हैं। इस प्रकार साफ हो गया है कि ये सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई हैं लेकिन कांग्रेस इस महागठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।
उप्र में बसपा 37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पश्चिमीउप्र की अधिकतर सीटें उसके पास जा सकती हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती भी इस बार लोकसभाचुनाव लड़ सकती हैं। सपा 36 लोकसभासीटों पर चुनाव लड़ेगी। मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वांचलकी अधिकतर सीटें उसके पास जाएंगी। अखिलेश यादव कन्नौज जबकि मुलायम सिंह यादवमैनपुरी से ताल ठोकेंगे।
यह महागठबंधन उत्तर प्रदेस मेंकांग्रेस को इसलिए साथ नहीं ले रहा क्योंकि वह राहुल गांधी को पहले ही कई जगहप्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश कर चुकी है। राहुल पीएम चेहरे के तौर परअखिलेश और मायावती में से किसी को भी क़ुबूल नहीं हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने हालही के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावोंमें सपा और बसपा को गठबंधन के तहत सीटें नहीं दीथीं। इस कारण भी ये दोनों दल कांग्रेससे नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की शुरुआती बातचीत में कांग्रेस को 10 सीटों का ऑफ़र किया गया था लेकिन वह25-30 सीटें मांग रही है जो सपा और बसपा में से किसी को भी मंजूर नहीं है।