कुशवाहा जैसे कुछ छोटे सहयोगी राजग से अलग हुए हैं लेकिन भाजपा नए सहयोगियों को जोड़ने की कोशिश में हैं। खासकर दक्षिण और पूर्वी भारत में वह न एसहयोगियों को तलाश रही है।

नई दिल्ली। उत्तर और मध्य भारतमें बढ़ती चुनौतियों व कुछ पुराने साथियों के तेवर को देखते हुए भाजपा में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए नए सिरे से तैयार शुरू कर दी है। इसके तहत वह दक्षिण भारत में नए सहयोगी तलाश कर अपन पैठ मजबूत करेगी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी का फोकस दक्षिणी राज्यों पर है।

 उपेंद्र कुशवाहा के राजग से अलग होने परउन्होंने कहा कि भाजपा गठबंधन की राजनीति को नकार नहीं रही है। सभी सहयोगियों केसाथ सहयोग और सामंजस्य बनाए रखने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। कुशवाहा जैसे कुछ छोटे सहयोगीगठबंधन से अलग हुए हैं लेकिन हम नए सहयोगियों को जोड़ने की कोशिश में हैं। खासकर दक्षिणऔर पूर्वी भारत में भाजपा नए सहयोगियों को तलाश रही है।

गौरतलब है कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए ‘मिशन 272’  बनाया है। ऐसे में राम माधव के इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के संभावित गठबंधन को देखते हुए भाजपा इसकी भरपाई दूसरे राज्यों से करने की कोशिश कर रही है। साथ ही हाल में हुए विधानसभा चुनावों में हार से भी भाजपा को झटका लगा है। ऐसे में वह नए सहयोगियों के साथ मिलकर नए क्षेत्रों में पहचान और स्वीकार्यता बनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है।

राहुल गांधी के विपक्षी खेमे के नेता बनने के सवाल पर राम माधव ने कहा कि वे कांग्रेस के नेता हैं। उनके चेहरे को आगे करने से लाभ होगा या हानि, यह सोचने का काम कांग्रेस का है। साथ ही उन्होंने माना कि इस बात नकारा नहीं जा सकता है कि हाल में हुए चुनावों में कांग्रेस को कुछ छोटी जीत मिली हैं। 

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के सवाल पर राम माधव ने कहा कि फिलहाल यह मामलासुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के लिए चार जनवरी की तारीख दी है। उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले की तेजी से सुनवाई हो सकतीहै। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम दूसरे विकल्प के बारे में सोचेंगे। अध्यादेश का विकल्पहमेशा है।

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