राज बब्बर ने कहा- सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के वक्तव्य में उनकी नाराजगी नजर आ रही है। अपनों से तो अक्सर ही लोग नाराज हो जाते हैं।

लखनऊ। भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा रण (लोकसभा चुनाव) करीब है,ऐसे में इसके सबसे बड़े मैदान (उत्तर प्रदेश) को फतह करने के लिए चक्रव्यूह रचनेके प्रयास तेज हो गए हैं। दुश्मन का दुश्मन दोस्त की तर्ज पर रुठी सपा को मनाने केलिए कांग्रेस ने पहल की है। कांग्रेस रहित गठबंधन की पहल कर चुके सपा अध्यक्षअखिलेश यादव को मनाने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के माध्यमसे हाथ आगे बढ़ाया है। राज बब्बर ने कहा कि नाराजगी कभी बेगानों से नहीं होती है,अपनों से तो अक्सर ही लोग नाराज हो जाते हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस और सपा नेउप्र में पिछला विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, हालांकि इसमें उनका गठबंधन बुरी तरहपराजित हुआ था।

बहरहाल, अपनी ताजा पहल में राज बब्बर ने कहा कि अखिलेश यादव के वक्तव्य में उनकी नाराजगी नजर आ रही है। नाराजगी कभी बेगानों से नहीं होती है। दोनों पार्टियों का नेतृत्व आपस में बात करके इन चीजों को सुलझा लेगा। अब तो देश के साथ उत्तर प्रदेश की जनता भी चाह रही है कि भाजपा के खिलाफ हम सब लोग मिलकर चुनाव लड़ें।

अपने लिए संजीवनी तलाश रही कांग्रेस

राज बब्बर के ओर से यह पहल यूं ही नहीं है। दरअसल, अखिलेश की घुड़की के भी बाद मध्य प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में सपा-बसपा को दरकिनार करने वाली कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी जमीनी हालत देख बैकफुट पर नजर आ रही है। ज्यादातर जिलों में उसका संगठन मृतप्राय है। जाहिर है कि सपा के साथ बात बनी तो फायदा अंततः कांग्रेस को ही होगा। वह उप्र में सपा-बसपा व रालोद के संभावित महागठबंधन में स्वयं को दरकिनार करने के संकेत के बाद सशंकित है। जाहिर है कि महागठबंधन का हिस्सा बनने का प्रयास कर वह अपने लिए ही संजीवनी तलाश रही है। अखिलेश भी इससे अनभिज्ञ नहीं हैं और उन्होंने राज बब्बर की बात पर फिलहाल खामोशी ओढ़ रखी है।   

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