देश की पहली सेमी हाईस्पीड रेलगाड़ी ट्रेन-18 अब 29 दिसंबर के बजाय जनवरी में विधिवत रफ्तार भरेगी। इसकी अधिकतम गति शुरूआत में 130 किमी प्रति घंटा होगी। 

नई दिल्ली। देश की पहली सेमी हाईस्पीड रेलगाड़ी ट्रेन-18  अब नए साल के पहले माह यानी जनवरी में ही विधिवत रफ्तार भर पाएगी। पहले इसके 29 दिसंबर से चलने की संभावना जताई जा रही थी। 160-200 किलोमीटरप्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम यह ट्रेन ट्रायल में 180 की रफ्तार को पार कर चुकी है लेकिन सूत्रों ने बताया कि फिलहाल इसकी अधिकतम गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। ट्रेन-18  को नई दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाने का प्रस्ताव है। यह ट्रेन मौजूदा शताब्दी एक्सप्रेस का स्थान लेगी।

इस ट्रेन को लेकर मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CCRS) की रिपोर्ट को बोर्ड द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में कई शर्तें रखने के साथ ही सुझाव दिए गए हैं। ट्रेन को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने से पहले इन सुझावों पर अमल करना होगा। दरअसल, सीसीआरएस ने ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने को हरी झंडी दिखा दी है लेकिन 20 शर्तें भी रखी हैं जिनमें ट्रैक की बाड़बंदी शामिल है। कहा गया है कि ट्रेन को 130 किमी की रफ्तार पर चलाने के लिए प्रमुख जगहों की बाड़बंदी जरूरी है ताकि कोई हादसा न होने पाए।

ट्रेन-18 की खासियत

  1. अन्य ट्रेनों की तरह ट्रेन-18 में अलग से इंजन लगाने की जरूरत नहीं है।
  • मेट्रो ट्रेन की तरह इसके पहले और आखिरी कोच में ड्राइविंग सिस्टम लगा है और  उनमें 44 सीटें दी गई हैं।
  • सुरक्षा के लिहाज से छह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
  • ट्रेन में 16 कोच हैं जिनमें दो एग्जीक्यूटिव श्रेणी की बोगियां हैं।
  • प्रत्येक एग्जीक्यूटिव कोच में 52 सीटें हैं।
  • यात्रियों के लिए आधुनिक कुर्सियां लगाई गई हैं जिन्हें 360 डिग्री के कोण में मोड़ा जा सकता है।
  • चेयरकार वाली अन्य सभी बोगियों में 78-78 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है।
  • हर तीसरे कोच में इलेक्ट्रिक मोटर लगी है जो ट्रेन को तेजी से खींचती और जल्दी रोकती है।
  • दो इमरजेंसी स्विच हैं  जिनको दबाकर आपात मदद ली जा सकती है।
     
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