जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पकड़े गए सभी संदिग्धों ने दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यालय और दिल्ली पुलिस मुख्यालय की हमले के लिए रेकी की थी।
नई दिल्ली। दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अमरोहा समेत कई स्थानों पर एनआइए, यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की छापेमारी में 10 संदिग्धों की गिरफ्तारी के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पकड़े गए सभी लोग खूंखार आतंकी संगठन आइएसआइएस के मॉड्यूल्स हैं और उन्हें पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक आईएसआईएस के गिरफ्तार मॉड्यूल्स जिस विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में थे, उसकी पहचान की जा चुकी है। इस हैंडलर्स का नाम अबू मलिक पेशवानी है जो पाकिस्तानी हो सकता है। NIA इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि भारत पर आईएसआईएस के बैनर तले हमले कराने के षड्यंत्र के पीछे कहीं पाकिस्तान की एजेंसियां तो शामिल नहीं हैं। जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस बात की जांच की जा रही है कि यह विदेशी हैंडलर कौन है और वह अब तक आईएसआईएस के कितने मॉड्यूल तैयार कर चुका है।
दिवाली के दिन किया था बम को टेस्ट
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पकड़े गए सभी संदिग्धों ने दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यालय और दिल्ली पुलिस मुख्यालय की हमले के लिए रेकी की थी। इन लोगों ने एनआईए कार्यालय पर हमले की भी साज़िश रची थी। दिवाली के दिन एक बम को टेस्ट भी किया था जिससे उन पर किसी को शक न हो। एनआईए के मुताबिक आरोपियों ने प्लान बनाया था कि वे हर हमले के बाद घटनास्थल पर आईएसआईएस का झंडा छोड़ कर आएंगे जिससे देश में दहशत का महौल बनाया जा सके।
खतरनाक इरादों के पुख्ता सुबूत
सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पकड़े गए संदिग्धों के खतरनाक इरादों के बारे में पुख्ता सुबूत मिले थे। यही कारण था कि छापेमारी के दौरान छापे में शामिल सभी टीमों के साथ कमांडो यूनिट को भेजा गया था। कार्रवाई में शामिल सभी अधिकारियों और जवानों को बुलेट प्रूफ जैकेट और हेलमेट दिए गए थे।
एनआईए ने गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के मॉड्यूल व मुख्य आरोपी सुहैल की ऑनलाइन पहचान कर ली है। वह अबु बसीर अल खुरासानी के नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय था। अधिकारियों के मुताबिक इन मॉड्यूल्स के पास से बड़ी संख्या के साथ ही जिस तरह के हथियार और गोला-बारूद मिला है, वह चौंकाने वाला है। इस बात का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि इन लोगों ने हथियारों का यह जखीरा कहां से इकट्ठा किया।