कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। इस कारण राम मंदिर मसले की सुनवाई की गति धीमी हो गई है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल (2019) के पहले साक्षात्कार में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश पर फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जा सकता है। उन्होंने राम मंदिर को लेकर अदालती कार्यवाही में देरी को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। 

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं। इस कारण राम मंदिर मसले की सुनवाई की गति धीमी हो गई है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि संविधान के दायरे के अंदर इस मसले का हल किया जाएगा। भाजपा ने यह भी कहा था कि वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। 

 
सरकार की जो भी जिम्मेदारी होगी, पूरी करेगी

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार राम मंदिर पर अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है, मोदी ने कहा- यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और संभवत: अपने अंतिम चरण में है, कानूनी प्रक्रिया पूरी होने दीजिए इसके बाद जो भी सरकार की जिम्मेदारी होगी उसे पूरा करेंगे। 

यह पूछे जाने पर कि तीन तलाक की तरह ही राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश क्यों नहीं आ सकता, प्रधानमंत्री ने कहा तीन तलाक पर तब अध्यादेश लाया गया, जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही लाया गया।

मध्यम वर्ग को लेकर सोच बदलनी होगी

मध्यम वर्ग को केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, “मध्यम वर्ग कभी भी किसी के दयादान पर नहीं जीता। इस वर्ग को लेकर हमें सोच बदलनी होगी। मध्यम वर्ग स्वाभिमान से जीने वाला वर्ग है इसलिए उसकी चिंता करने की जरूरत है। मिडिल क्लास के लिए सरकार काफी काम कर रही है। मुद्रा योजना समेत कई योजनाएं मध्यम वर्ग को लेकर ध्यान में रखकर बनाई गईं हैं। ”

किसान के कर्जमाफी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस झूठ बोल रही है। सभी का कर्ज माफ नहीं किया गया जैसा कि वह दावा कर रही है। जिम्मेवार राजनीतिक दल को झूठ नहीं बोलना चाहिए।” 

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