नियमों के उल्लंघन का सिलसिला नहीं थमता है तो एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त उस पर रोजाना हर रोज 10 लाख रुपये अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आधार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को आय पर टैक्स छूट का भी प्रस्ताव है।
सूत्रों के अनुसार यदि किसी कंपनी की ओर से नियमों के उल्लंघन का सिलसिला नहीं थमता है तो एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त उस पर रोजाना हर रोज 10 लाख रुपये अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव है। आधार को लेकर निजता संबंधी चिंताओं की वजह से कानून में संशोधन की भी योजना है।
सूत्रों ने बताया कि इन प्रस्तावों की उद्देश्य यूआईडीएआई को अन्य नियामकों की तरह अधिक अधिकार देना है। अभी आधार कानून के तहत यूआईडीएआई के पास नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाई के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई का अधिकार नहीं है।
बच्चे के आधार नामांकन के लिए ये है जरूरी
प्रस्तावित बदलावों के तहत ऐसे बच्चे जिनके पास आधार हैं, उन्हें 18 साल की उम्र पूरी करने के छह महीने के अंदर इस 12 अंक की बायोमीट्रिक नंबर को रद्द कराने का विकल्प होगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि किसी बच्चे के आधार नामांकन के लिए माता-पिता या अभिभावक की मंजूरी जरूरी होगी। आधार नहीं होने पर किसी भी बच्चे को सब्सिडी, लाभ या अन्य सेवाओं से वंचित नहीं रखा जा सकेगा। प्रस्तावित संशोधनों में ‘वर्चुअल आईडी’ और आधार के इस्तेमाल के स्वैच्छिक और ऑफलाइन तरीके का भी प्रावधान होगा।