नई दिल्ली। “मालिक गया विदेश, घर में लागी सेंध”। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू पर यह कहावत गुरुवार को सटीक बैठी। दरअसल, आंध्र प्रदेश में अपनी सत्ता गंवा चुके चंद्रबाबू नायडू इन दिनों विदेश में हैं, इधर उनकी पार्टी के 4 राज्यसभा सदस्यों ने उपराष्ट्रपित व राज्यसभा के सभापित वेंकैया नायडू से भेंट कर एक अलग ग्रुप के रूप में भाजपा के साथ जुड़ने की अनुमति मांगी है। ये चारों भाजपा में शामिल होने वाले हैं।

टीडीपी के राज्यसभा में 6 सदस्य हैं। इनमें से चार का अलग होना उसे एक बड़ा झटका है। दूसरा ओर लोकसभा में प्रचंड बहुमत के साथ काबिज भाजपा को राज्यसभा में बहुमत की आवश्यकता है। ऐसे में अगर ये 4 सांसद भाजपा के साथ जुड़े तो उसकी ताकत में और इजाफा होगा।

टीडीपी के जिन सांसदों ने राज्यसभा के उपसभभापित से मुलाकात की, उनमें वाइ एस चौधरी, टी जी वेंकटेश, सीएम रमेश और शामिल हैं। चौथे सांसद जी मोहन राव ने पत्र के द्वारा अपना समर्थन दिया। इन चारों सांसदों ने टीडीपी से इस्तीफा दे दिया है। अगर ये चारों सांसद भाजपा के साथ जुड़ जाएंगे तो राज्यसभा में उसका संख्याबल और बढ़ जाएगा। इससे उसे राज्यसभा में कई अहम बिल पास कराने में मदद मिल सकती है।

तेजी से बदले घटनाक्रम के दौरान भाजपा की ओर से बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी गई कि टीडीपी के इस गुट ने भाजपा में विलय की पेशकश की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव मौजूद थे। यहां तीनों सांसदों का थावरचंद गहलोत ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। चौथे विधायक जी मोहन राव पैर में चोट के कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं आ सके। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू लंदन में हैं। लोकसभा चुनाव आने से ठीक पहले वह भाजपा विरोध दलों को एक मंच पर लाने में सर्वाधिक सक्रिय रहे थे। ईवीएम  मामले में भी उन्होंने विपक्षी दलों की अगुवाई की थी। अब भाजपा ने पलटवार करते हुए उन्हें बड़ा झटका दिया है।

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