आंवला (बरेली)। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद स्थानीय निकायों में सत्ता परिवर्तन का दौर चलता ही है। भाजपा ने भी बरेली के तमाम ब्लॉकों में प्रमुखी पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। आंवला तहसील के रामनगर और मझगवां के बाद आलमपुर जाफराबाद में भी अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया है। यहां अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 6 जनवरी को होना है।

हालांकि यह गढ़ इतना आसान नहीं प्रतीत होता है। संभावित सत्ता परिवर्तन के खिलाफ वर्तमान ब्लॉक प्रमुख हाईकोर्ट चले गये हैं। आज मामले में सुनवाई होनी है।
यहां गौरतलब यह है कि आंवला क्षेत्र में भाजपा की अधिक सक्रियता के अपने मायने हैं। आंवला से विधायक और प्रदेश में सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह का यह क्षेत्र है। धर्मपाल सिंह अब अपने पुत्र यशवंत को स्थापित करना चाहते हैं। तर्क यह कि जब पंकज सिंह विधायक बन सकते हैं तो यशवंत क्यों नहीं? ऐसे में यशवंत के सामने अपनी नेतृत्व क्षमता सिद्ध करने की चुनौती है। इसीलिए आंवला क्षेत्र में ब्लॉक प्रमुखी पर पार्टी को काबिज करने के इस अभियान का नेतृत्व यशवंत के कंधों पर है।

अविश्वास प्रस्ताव पर 6 जनवरी को होनी है चर्चा

यशवंत सिंह के नेतृत्व सबसे पहले रामनगर ब्लाक प्रमुख अनुराधा यादव के खिलाफ बीडीसी सदस्यों को लामबंद करके अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। यहां निर्विरोध रूप से श्रीपाल लोधी की ताजपोशी की गयी। इसके बाद निशाना मझगवां को बनाया गया, जो कि सुरक्षित सीट थी। इस पर सपा की ब्लाक प्रमुख ममता देवी के खिलाफ अभी कुछ दिनों पूर्व ही अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनको भी पदच्युत कर दिया गया। भाजपाईयों का अगला निशाना अब आलमपुर जाफराबाद है, जिस पर आगामी 6 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है।

भाजपा के वेदप्रकाश यादव सत्ता परिर्वतन के बाद से ही आलमपुर को लेकर सक्रिय हो गए थे। एक बीडीसी सदस्य के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर वह निर्विराध चुन भी लिये गये। नेतृत्व का इशारा मिलते ही वेदप्रकाश ने बीडीसी सदस्यों से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है। इसमें यशवंत सिंह उनके हमकदम हैं। वेदप्रकाश का दावा है कि उनके साथ इस समय 82 सदस्यों का समर्थन है।

उच्चन्यायालय में है मामला

रामनगर व मझगवां में मिली जीत से जहां एक ओर भाजपाई फूले नहीं समा रहे हैं, वहीं आलमपुर को ढहाना उतना आसान भी नहीं है। एक तो इस सीट को लेकर सपा संगठन में एकजुटता नजर आ रही है। चर्चा है वर्तमान ब्लाकप्रमुख आदेश यादव के ताऊ पूर्व सांसद भी उनके साथ खड़े हो सकते हैं। सूत्रों की माने तो उच्चन्यायालय में रिट भी दायर कर दी गई है। साथ दूसरे पक्ष ने भी न्यायालय में कैबिएट दाखिल कर दी है। इस पर आज शुक्रवार को सुनवाई हो रही है। लोगों का कहना है कि ब्लॉक प्रमुख आदेश यादव इतनी आसानी से प्रमुखी छोड़ने वालों में से नहीं है, चर्चा है कि आगामी 6 जनवरी को दोनां दलों के बीच मुकबला दिलचस्प होने वाला है।

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