सपा और बसपा की सहमति को कांग्रेस कोई खास तव्वजो देती नहीं दिख रही है। उसने उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का मन बना लिया है।

लखनऊ  लोकसभा चुनाव 2019 के लिए महागठबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रुख के मद्देनजर कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वह अब अकेले ही मैदान में उतरने की तैयारी में है।

सपा और बसपा के गठबंधन और सीटों को लेकर सैद्धांतिक सहमित के बीच कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया ने भी बड़ा बयान दिया है। कहा- हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव ल़ड़ऩे की तैयारी कर रही है। एक गठबंधन हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे कार्यकर्ता तैयार हैं। हमने किसी से भी गठबंधन की बात नहीं की है।

सपा और बसपा के शीर्ष नेतृत्व ने भले ही सीटों के बंटवारे पर अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ न कहा हो पर सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर ‘सैद्धांतिक सहमति’ बन चुकी है। उम्मीद है कि इस गठजोड़ की औपचारिक घोषणा जल्द हो जाएगी। संभावना है इसी महीने इसका एलान हो जाएगा। गठबंधन को लेकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांक दोनों दलों के बीच उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति पर चौधरी कोई भी जानकारी होने से इनकार किया लेकिन इतना कहा कि कुछ छोटे दलों को भी गठबंधन में शामिल करने के लिए बात हो रही है। उन्होंने माना कि गठबंधन में शामिल करने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से भी बातचीत हो रही है। बसपा और सपा के बीच 37-37 सीट पर बात बन रही है। सहमति के दौरान रायबरेली और अमेठी से गठबंधन का प्रत्याशी खड़ा न करने की बात हुई है।

दूसरी ओर सपा और बसपा की सहमति को कांग्रेस कोई खास तव्वजो देती नहीं दिख रही है। उसने प्रदेश में लोकसभा की सभी 80 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का मन बना लिया है। कांग्रेस का कहना है कि सपा और बसपा ने भले ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए सीट देने की बात की है लेकिन उनकी सारी बातें तर्कहीन हैं। 

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