नई दिल्ली। विश्व योग दिवस पर भारत समेत पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों ने योगासन कर भारत की इस प्रचीन विधा के प्रति अपनी आस्था तथा स्वयं को स्वस्थ रखने के साथ ही दूसरों को निरोगी काया पाने के लिए प्रेरित करने का संकल्प जताया। नई दिल्ली, रांची, काठमांडू, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका से लेकर यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया महाद्वीप के विभिनन् देशों में लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पहल पर सन् 2014 में 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक सहित करीब 40 हजार लोग मौजूद थे। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने देश को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा कि आज यह प्रभात तारा मैदान विश्व के मानचित्र पर चमक रहा है। आज लाखों लोग देश और दुनिया के अलग-अलग जगहों पर योग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस के लिए रांची को चुनने का कारण भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, “रांची के साथ मेरा लगाव तो है ही साथ ही झारखंड में नाम में ही जंगल है। जंगल प्रकृति के सबसे करीब है। रांची से ही उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी जो कि बहुत कम समय में गरीबों के लिए संबल बनी है।”

योग को हर व्यक्ति तक ले जाना है

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं भारतीयों को स्वस्थ-सबल बनाने में योग के महत्व को समझता हूं। इसलिए रांची आना मेरे लिए विशेष है। योग को अब एक अलग स्तर पर ले जाना है। योग हमारे देश में सदैव रहा है. हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। झारखंड के छऊ नृत्य में आसन और मुद्राओं का प्रदर्शन होता है लेकिन अभी भी आधुनिक योग की यात्रा गांव तक नहीं पहुंची है। हमें योग को हर व्यकित तक ले जाना है। मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना है।” 

मोदी ने कहा कि योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं। योग अनुशासन है. योग का पालन पूरे जीवन भर करना होता है। योग जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, सीमा के भेद से परे हैं। योग सबका है और सब योग के हैं। बीते पांच वर्षों में योग को सरकार ने हेल्थ केयर बनाने का प्रयास किया है। आज भारत में योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। आज चारों तरफ योग को अनुभाव किया जा सकता है।

“योग फॉर हार्ट केयर” की थीम पर पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्‍य में शहरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी योगाभ्‍यास के कार्यक्रम आयोजित किए गए। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि योग दिवस केवल एक आयोजन ही नहीं बल्क यह योग को जीवन का एक हिस्‍सा बनाने का तरीका है। 

2015 में हुई थी आयोजन की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2014 में प्रस्ताव पारित किया था कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। तब से यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। भारत में रांची से पूर्व 2018 में देहरादून, 2017 में लखनऊ, 2016 में चंडीगढ़ और 2015 में नई दिल्ली में इस तरह का वृहत आयोजन हो चुके हैं।

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