सोशल मीडिया कट्टरपंथ के प्रसार का स्रोत बन गया है। इसको नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है। यह आतंकी संगठनों के फंड जुटाने में सहायता प्रदान कर रहा है। यह भी युद्ध का एक रूप है।
नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव पर अपनी चिंता जाहिर की है। रायसीना डायलॉग कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल रावत ने कहा कि जब तक कुछ देश आतंकवाद को सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा देते रहेंगे, तब तक यह मौजूद रहेगा। आतंकवाद अब कई सिर वाले राक्षस की तरह अपने पैर पसार रहा है।
जनरल रावत ने इस बात पर चिंता जताई कि सोशल मीडिया कट्टरपंथ के प्रसार का स्रोत बन गया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया आतंकी संगठनों के फंड जुटाने में सहायता प्रदान कर रहा है। यह भी युद्ध का एक रूप है। जनरल रावत ने आगे कहा कि इन सब में सबसे बड़ी चीज ये है कि सोशल मीडिया को ध्यान रखना चाहिए कि झूठी खबरें और गलत जानकारी के चलत कट्टरता न फैले। आतंकी संगठनों को फंडिंग जुटाने में सोशल मीडिया के जरिए फैल रहा कट्टररवाद भी काफी मदद करता है।
अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत होनी चाहिए लेकिन यह बातचीत बिना किसी शर्त के होनी चाहिए।
रायसीना डायलॉग का चौथा संस्करण
रायसीना डायलॉग का चौथा संस्करण मंगलवार से शुरू हुआ है। इसमें 92 से ज्यादा देशों के वक्ता शमिल होंगे। इसमें अद्वितीय नेताओं, नवीन भागीदारी और नई प्रौद्योगिकियों से शुरू हुए वैश्विक बदलाव और विश्व व्यवस्था में बदलाव से पैदा हुए मुद्दों पर चर्चा के जरिए समाधान करने की कोशिश की जाएगी।