आँवला/भमोरा। पिछले 12 दिनों आंवला-भमोरा मार्ग पर कड़कड़ाती सर्दी में खुले मैदान में धरना दे रहे भाकियू के कार्यकर्ताओं का सब्र अब जबाब देने लगा है। ये किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इफको के खिलाफ 27 दिसम्बर से निरन्तर दिन-रात धरने पर बैठे हैं।
इनकी मांग है कि आंशिक भू-दाताओं को पूरे माह रोजगार दिया जाए, प्रोन्नति होने अथवा सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के स्थान पर इनको समायोजित किया जाए। किसानों का आरोप है कि अभी तक इफको प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। अब वह महापंचायत बुलाने को मजबूर हैं। यदि इस दौरान किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना धटित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
दूषित जल व गैसों से हो रहा है नुकसान
धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि मानकों की अनदेखी कर इफको कारखाने से निरन्तर दूषित जल निकट ही बहने वाली अरिल नदी में गिर रहा है। इसको पीने से जानवरों में संक्रमण फैलने का खतरा निरन्तर बना रहता है। वहीं इफको द्वारा अनेको टयूबवेलों के माध्यम से भू-गर्भीय जल का चौबीसों घंटे दोहन किया जा रहा है जिससे आस-पास के क्षेत्र में निरन्तर जल स्तर गिर रहा है। लोगों के नलों के बोरिंग फेल हो रहे हैं। आने वाले समय में आस पास के क्षेत्र में पेयजल की भयंकर समस्या हो सकती है। किसानों ने आरोप लगाया कि इफको कारखाने से निरन्तर दूषित गैसें निकल रही है, जिनसे समीपस्थ्य किसानों के खेतों में उगने वाली फसलों पर काफी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
यह रहे मौजूद
यहां पर धरने का नेतृत्व करने वाले चौ0 शिशुपाल सिंह, के अलावा धनीराम वर्मा, ढांकनलाल, मेवाराम, मुनेश पाल सिंह, मेवाराम, वरन सिंह, सुरेन्द्र, सर्वेश, ऊदल सिंह, महाराज सिंह आदि मौजूद रहे।