नयी दिल्ली। सामान्य वर्ग के गरीबों को दस फीसदी आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। मंगलवार को लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक (Upper Caste Reservation Bill) पारित हुआ था। इसके बाद सरकार ने आज बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया। सवर्ण आरक्षण बिल को लेकर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान इसके समर्थन में 165 और खिलाफ में केवल 7 वोट पड़े। इससे पहले बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए कनिमोझी ने प्रस्ताव रखा। इस पर हुई वोटिंग में पक्ष में 18 और खिलाफ में 155 वोट पड़े। इसके साथ ही बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग खारिज हो गई।
जानिये किसने क्या कहा
अच्छे मन से यह बिल ला रही मोदी सरकारः थावर चंद गहलोत
मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि आज सदन इतिहास रचने जा रहा है। अच्छे मन से और अच्छी नीति के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार यह बिल लेकर आ रही है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस बताए कि वो कैसे इस बिल को लाती, क्योंकि सवर्णों को आरक्षण देने का वादा तो उसने भी किया था।
पहले बिल लाते तब भी अवसरवादी ही कहलाते मोदीः अमर सिंह
अमर सिंह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि अगर यह बिल इतना ही गंदा है तो वोट न दें। सवर्णों ने बहुत पहले से ही अपना मन बदल लिया है, दलित से रिश्ते कायम किए, रोटी-बेटी के संबंध बनाए। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन राज्यों के चुनाव से पहले बिल लाते तो उन्हें अवसरवादी कहा जाता, अब ला रहे हैं तो भी आपत्ति हो रही है।
अठावले ने कविता सुनाकर की पीएम मोदी की तारीफ
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कविता पढ़ते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने सवर्णों को आरक्षण देने की हिम्मत दिखाई है इसलिए 2019 में उनकी कीमत बढ़ेगी।
एनसीपी ने किया आरक्षण बिल का समर्थन
एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मुझे टीवी से पता चला कि सरकार संविधान में संशोधन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में यह फैसला लिया गया है और चुनाव के बाद इसका असर सामने आने वाला है। पटेल ने कहा कि सामाजिक न्याय के सवाल पर सबकी राय एक ही है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में बिल लाने की बजाय हम सबके साथ चर्चा करके, स्टैंडिंग कमेटी में बिल को भेजते तो कुछ मुद्दों का समाधान जरूर मिल जाता। उन्होंने कहा कि जब नौकरी नहीं होगी तो आरक्षण देने का फायदा क्या होगा।
सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिक पाएगा आरक्षण बिलः शैलजा
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि जब देश की जनता आपसे दूर जा रही है तब आप आखिरी सत्र के आखिरी दिन यह बिल लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह बिल टिक नहीं पाएगा। आपके पास कई सवालों का जवाब नहीं है। आप लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि महिला आरक्षण के बारे में सरकार क्यों नहीं सोच रही है। वोट लेने के लिए यह बिल तो ला रही है लेकिन महिलाओं के बारे में सरकार कब सोचेगी। उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण को पूरी तरह खत्म करने का त्ै का एजेंडा आगे बढ़ा रही है।
बसपा ने किया सवर्ण आरक्षण का समर्थन, दागे कई सवाल
मायावती के खास व बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी प्रमुख बहन मायावती ने सदन में सवर्ण आरक्षण को समर्थन दे चुकी हैं। मैं भी इस बिल का समर्थन करता हूं। बिल का समर्थन करते हुए मिश्रा ने कहा कि अगर आर्थिक आरक्षण के लिए संशोधन लाया जा रहा है तो जातिगत आरक्षण के लिए भी 50 फीसदी से ऊपर आरक्षण आना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार क्यों, कैसे और किन परिस्थितियों में ये बिल ला रही है, इस पर तो सवाल किए ही जाएंगे। उन्होंने केंद्र से सवाल पूछा कि प्रमोशन में आरक्षण के लिए 4 साल में क्या किया गया? मंत्री बताएं कि आबादी के हिसाब से पिछड़ों का आरक्षण कब से बढ़ा रहे हैं?
आरक्षण से ज्यादा नौकरी की जरूरत
शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने कहा कि हमें आरक्षण से ज्यादा नौकरियों पर काम किए जाने की जरूरत है। सिर्फ आरक्षण से हमारा युवा संतुष्ट नहीं होगा, हमें और ज्यादा रोजगार पैदा किए जाने की जरूरत है
सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों ने कहा असंवैधानिकः सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों ने कहा कि यह असंवैधानिक है तो कैसे कर सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि यह बहुत कॉम्प्लैक्स संवैधानिक मुद्दा है। इसे सरकार ने सेलेक्ट कमेटी को बिना भेजे हुए ही पेश कर दिया।
सरकार का लक्ष्य कमजोर सवर्ण नहीं, 2019 का चुनाव : रामगोपाल
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, जब सत्ता में आए थे तभी ला सकते थे लेकिन आपका निशाना, सरकार का लक्ष्य आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण नहीं बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव है। सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी आरक्षण कर रखा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की संख्या बहुत बड़ी है। इस बिल से 98 प्रतिशत गरीब सवर्णों को और 40 फीसदी अमीर सवर्णों को फायदा मिलेगा।