जीएसटी काउंसिल ने कंपोजिशन स्कीम की सीमा को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया है। बैठक में केरल के लिए एक प्रतिशत आपदा सेस को भी मंजूरी दी गई।

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल ने कंपोजिशन स्कीम की सीमा को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया है। जो कारोबारी कंपोजिशन स्कीम के अंतर्गत आते हैं उन्हें तिमाही आधार पर टैक्स का भुगतान करना होता है लेकिन रिटर्न उन्हें साल में एक ही बार दाखिल करनी होती है। गुरुवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक में इसके साथ ही केरल के लिए एक प्रतिशत आपदा सेस को मंजूरी दी गई।

बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने छोटे एवं मध्यम उद्योगों के लिए वस्तु एवं सेवाकर की छूट सीमा को दोगुना कर दिया जो कि एक अप्रैल 2019 से लागू होगी। जीएसटी में टैक्स छूट की सीमा को कारोबारियों के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया है। ऐसी कंपनियां जिनका टर्नओवर एक साल में चार  मिलियन के आस पास होगा उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। रियल एस्टेट सेक्टर को भी महीने भर के भीतर राहत मिल सकती है।

जेटली ने कहा, ” सरकार एकल राष्ट्रीय बिक्री कर दर की दिशा में काम कर रही थी जो कि 12 से 18% के बीच का हो सकता है।” एक जुलाई 2017 को जब जीएसटी को देशभर में लागू किया गया था तो वस्तुओं एवं सेवाओं को पांच फीसद से लेकर 28 फीसद की टैक्स स्लैब में रखा गया था

जेटली ने कहा, “भविष्य में 12 और 18 प्रतिशत की दो मानक दरों के बजाए एक मानक दर को निर्धारित किया जा सकता है। यह इन दोनों के बीच की कोई मानक दर हो सकती है।” देश में शून्य, पांच फीसदी और एक लग्जरी एवं सिन गुड्स (शराब, ड्रग्स, सिगरेट, इत्यादि) के लिए एक मानद दर होनी चाहिए।

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