देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी ट्रेन-18 (Train-18) को चलाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। इस ट्रेन को आगामी सात फरवरी को चलाने की योजना है।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे जल्द ही नया इतिहास रचने जा रही है। देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी ट्रेन-18 (Train-18) को चलाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। इस ट्रेन को आगामी सात फरवरी को चलाने की योजना है। अब तक तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रेन-18 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। वरिष्ठ रेल अधिकारियों की एक बैठक को इस अत्याधुनिक ट्रेन को चलाने को लेकर सभी तैयारियां सात फरवरी तक पूरी करने को कहा गया है। इस ट्रेन को चलाने के लिए आयुक्त रेलवे सेफ्टी ने कुछ मामूली सुधार करने को भी कहा था जिनको पूरा करने का काम किया जा रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर मार्बल लगाने के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि Train-18 का परीक्षण दिल्ली-इलाहाबाद रूट पर पहले की किया जा चुका है।
ट्रेन-18 को शताब्दी एक्सप्रेस की जगह चलाया जाना है। शताब्दी के मुकाबले यह न केवल तकनीक बल्कि सुविधाओं में भी काफी आगे होगी। जाहिर है कि इसमें यात्रा करने के लिए जेब भी ज्यादा ढीली करनी होगी। सूत्रों के अनूसार इसका किराया गतिमान ट्रेन के किराए के करीब हो सकता है। उदाहरण के तौर भोपाल शताब्दी से यदि आप दिल्ली से आगरा तक की यात्रा करते हैं तो आपको चेयर कार श्रेणी के लिए 675 रुपये जबकि एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए 1010 रुपये किराया देना होता है। दूसरी ओर गतिमान एक्सप्रेस से दिल्ली से आगरा तक की यात्रा के लिए यात्रियों को चेयर कार श्रेणी में लगभग 750 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास की श्रेणी में 1495 रुपये किराया चुकाना होता है।
ये होगा रूट
ट्रेन 18 के बहुत कम स्टॉपेज होंगे। यह नई दिल्ली से रवाना होने के बाद कानपुर, इलाहाबाद और फिर वाराणसी रेलवे स्टेशन पर रुकेगी। इसको दिल्ली से इलाहाबाद के बीच दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलाया जाएगा। इसके बाद यह भदोही होकर गुजरेगी। दरअसल, दिल्ली-हवाड़ा रूट पर ट्रेनों की संख्या पहले से ही मानकों से अधिक है, इसीलिए ट्रेन-18 को इस रूट से चलाया जा रहा है। मात्र आठ घंटे में यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी पहुंचेगी और उसी दिन वाराणसी से वापस दिल्ली भी आएगी। वर्तमाना समय में यात्री ट्रेनों को दिल्ली से वाराणसी की दूरी तय करने में औसतन 11 से 12 घंटे लगते हैं। यह ट्रेन लगभग 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलेगी।
जल्द ही चलाई जाएंगी चार और Train-18
Train-18 के बेहतरीन प्रदर्शन से उत्साहित रेल मंत्रालय देश में चार और रूट पर ऐसी ही ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में Train-18 को तैयार करने वाली रेलवे की चेन्नई स्थित कोच फैक्ट्री ICF को मार्च के पहले चार और Train-18 बनाने का ऑर्डर दिया गया है।
टी-18 की खूबियां
टी-18 ट्रेन में यूरोप में चलने वाली आधुनिक यात्री ट्रेनों की तरह तमाम खूबियां हैं। ऐरोडियानिमिक डिजाइन इसकी स्पीड बढ़ाने की मदद करती है। ट्रेन में कुल 16 कोच हैं जिनमें दो एक्जीक्यूटिव क्लास के हैं। इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं है, बल्कि पहले कोच में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है। एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बों में 52 जबकि अन्य कोचों में 78 सीटें हैं। इस ट्रेन में सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) है। सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। प्लेटफॉर्म से ट्रेन में चढ़ने के लिए ट्रेन में एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जो अपने आप एडजस्ट हो जाता है।