सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि मंदिर मामले की सुनवाई टलने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- देश के लोगों को उम्मीद है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा।

नई दिल्ली। अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर मामले की 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टलने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान भी सामने आया है। राम मंदिर मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘देश के लोगों को उम्मीद है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। एक नागरिक के तौर पर मैं कहना चाहता हूं कि यह मुद्दा पिछले 70 सालों से लंबित है, इसे जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए।’ गौरतलब है कि यह सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर होनी है।

गौरतलब है कि अयोध्या-बाबरी विवाद मामले को लेकर पुनर्गठित की गई सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ 29 जनवरी को भी सुनवाई नहीं कर पाएगी। दरअसल, मामले की सुनवाई करने वाली संविधान पीठ के एक न्यायाधीश एसए बोबडे के उपलब्ध न होने के कारण 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई निरस्त हो गई। इस कारण अपनी जन्मभूमि पर मालिकाना हक का मुकदमा लड़ रहे रामलला को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का अभी और इंतजार करना होगा। सुनवाई की नई तारीख जल्द ही तय होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने से राम मंदिर मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ सकता है क्योंकि सुनवाई में देरी के कारण साधु-संतों में भी नाराजगी है। गौरतलब है कि राम मंदिर मसले को लेकर 25 जनवरी को पांच सदस्यीय बेंच का पुनर्गठन किया गया था।

नई पीठ में ये हैं शामिल

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या विवाद की सुनवाई के लिए 25 जनवरी को नई पीठ का पुनर्गठन किया था। इसमें न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर को शामिल किया गया था। अब बेंच में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एसए नजीर शामिल हैं। पुनर्गठन में न्यायमूर्ति एनवी रमण को शामिल नहीं किया गया।

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