आईआरएस अधिकारी सहीराम के ठिकानों पर अब तक की जांच में चार सौ करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है। इसी साल जुलाई में उसे सेवानिवृत्त होना था। उसका इरादा राजस्थान के दौसा से लोकसभा चुनाव लड़ने का था।
जयपुर। गणतंत्र दिवस समारोह में सदाचार का पाठ पढ़ाने वाला नारकोटिक्स विभाग का एडिशनल कमिश्नर सहीराम मीणा गलत कामों का बड़ा खिलाड़ी निकला। एक लाख रुपये की घूस लेते धरे गए 1989 बैच के इस आईआरएस अधिकारी की करीब 400 करोड़ रुपये की सम्पति अब तक की जांच में सामने आ चुकी है। राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के अधिकारियों के अनुसार सहीराम मीणा ने इन संपत्तियों में अपने व अपने परिवार के सदस्यों के नाम से निवेश कर रखा था। सहीराम की बेटी सोनिका आईएएस अधिकारी है और इस समय उत्तराखंड के टिहरी जिले में तैनात है।
गरीब लोगों के नाम से भी खरीदीं जमीनें
ACB की अब तक की जांच में सहीराम मीणा की काली कमाई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। राजस्थान के इतिहास में इसे ACB की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। ACB अधिकारियों ने सोमवार को सहीराम के 15 बैंक खातों और लॉकरों को खोला तो चौंक गए। लॉकरों में नकदी और ज्वलैरी के साथ ही हीरे भी मिले। मीणा के कोटा और जयपुर स्थित आवास से करीब सात करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई। अब तक की जांच में पता चला है कि सहीराम मीणा तथा उसकी पत्नी और बेटा 106 आवासीय प्लॉट,एक मैरिज गार्डन, 25 दुकानों, दो औद्योगिक प्लॉट, एक पेट्रोल पंप, मुम्बई और दिल्ली में एक-एक फ्लैट, सात बीघा कृषि भूमि, एक फार्म हाउस, चार ट्रक, एक टायर फर्म और एक शिक्षण संस्थान के मालिक हैं। सहीराम मीणा ने सवाई माधोपुर जिले में स्थित अपने गांव जीबली केकुछ गरीब लोगों के नाम से भी रणथम्भौर सेंचूरी के आसपास भूखंड खरीद रखे हैं।
लड़ना चाहता था लोकसभा चुनाव
इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि सहीराम मीणा दौसा संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहता था। उसने हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा के चुनाव में गंगापुर नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन वीआरएस का आवेदन मंजूर नहीं हो पाने के कारण इसका इरादा पूरा नहीं हो सका। पूछताछ में पता चला कि सहीराम मीणा के दो रिश्तेदार भाजपा के बड़े नेता हैं जबकि एक रिश्तेदार कांग्रेस का प्रभावशाली नेता है। सहीराम मीणा ने विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई उम्मीदवारों को फंडिंग भी की थी ।
पूछताछ के दौरान सहीराम ने सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत की। इस पर उसे कोटा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद उसे और उसके दलाल कमलेश को एसीबी की विशेष अदालत के मजिस्ट्रेट के घर पेश किया गया जहां से उसे रिमांड पर भेज दिया गया। सहीराम को 26 जनवरी को उसके कोटा स्थित आवास से चित्तौडगढ़ निवासी एक व्यक्ति को अफीम का पट्टा जारी करने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। मीणा के साथ उसके लिए दलाली करने वाला कमलेश भी धरा गया था।