30 अक्टूबर 2008 को गुवाहाटी, कोकराझार, बारपेटा और बोगाइगांव जिलों में सिलसिलेवार ढंग से हुए नौ बम धमाकों में 88 लोगों की जान चली गई थी जबकि 540 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
गुवाहाटी। सन्2008 में असम में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के प्रमुख रंजन दैमारी समेत 10 लोगों को आजीवन कारावास की सुनाई है। इन श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में 88 लोग मारे गए थे।
बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विशेष सीबीआइ जज अपरेश चक्रवर्ती ने सजा का ऐलान किया। दैमारी के अलावा अंचई बोडो, जॉर्ज बोडो, खड़गेश्वर बासुमतारी, बी. थराई, राजू सरकार, इंद्रा ब्रह्मा, लोको बासुमतारी,, अजय बासुमतारी और राजेन गोयारी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन दोषियों- प्रभात बोडो, जयंती बासुमतारी और मथुरा ब्रह्मा पर अदालत ने जुर्माना लगाया है। जुर्माना भरने के बाद ही इनकी रिहाई होगी। विशेष अदालत ने निलिम दैमारी और मृदुल गोयारी को रिहा करने का आदेश दिया क्योंकि वे अपनी सजा के बराबर कैद पहले ही काट चुके हैं।
30 अक्टूबर 2008 को असम के गुवाहाटी, कोकराझार, बारपेटा और बोगाइगांव जिलों में सिलसिलेवार ढंग से हुए नौ धमाकों में 88 लोगों की जान चली गई थी जबकि 540 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। पुलिस से जांच को अपने हाथ में लेने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 22 लोगों को आरोपी बनाया था जिनमें से 15 गिरफ्तार किए गए थे। सात आरोपी अभी तक फरार हैं।
सीबीआई की विसेष अदालत ने बीते सोमवार को दैमारी और 14 अन्य लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया था। इस मामले में सिर्फ रंजन दैमारी ही जमानत पर जेल से बाहर था। सजा सुनाए जाने के बाद उसकी जमानत रद हो गई और उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। बाकि 14 लोग न्यायिक हिरासत में जेल में ही थे।