रॉबर्ट वाड्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर मीडिया में जवाब देते हुए कहा कि यह पूरी तरह झूठा मुकदमा और राजनीतिक चाल है।
नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को शनिवार को धन शोधन (Money laundering) के मामले में 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी। रॉबर्ट वाड्रा ने पटियाला हाउस की एक विशेष अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल रॉबर्ट छह फरवरी को प्रवर्तन नदेशालय (ED) की जांच में शामिल होंगे। इससे पहले शनिवार को ही रॉबर्ट वाड्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर मीडिया में जवाब देते हुए कहा कि यह पूरी तरह झूठा मुकदमा और राजनीतिक चाल है। उन्होंने कहा- मुझे शिकार बनाया जा रहा है। मैं कानून को मानने वाला इंसान हूं और कानून की पूरी इज्जत करता हूं।
गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग के एक मामले में एक याचिका दायर की गई है जिस पर गत 11 जनवरी को वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को अदालत ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया था कि आयकर विभाग की एक अन्य जांच में मनोज अरोड़ा का नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया गया। यह भी बताया था कि लंदन में रॉबर्ट वाड्रा द्वारा खरीदी गई संपत्ति में अरोड़ा की अहम भूमिका है। दूसरी तरफ अग्रिम जमानत याचिका में मनोज अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि विदेश में संपत्तियों की खरीद से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय उन पर उनके नियोक्ता रॉबर्ट वाड्रा को गलत तरीके से फंसाने का दबाव बना रहा है।
वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी में काम करने वाले अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया था कि पूछताछ के लिए उनकी पत्नी जांच एजेंसी के सामने पेश हुई थीं और अधिकारियों ने वाड्रा को फंसाने के लिए उन्हें धमकाया था।