रक्षा मंत्रालय ने पैदल सेना के आधुनिकीकरण की ओर बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका से 73,000 असॉल्ट राइफलों की खरीद को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली। थल सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से करीब 73,000 असॉल्ट राइफल खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सेना का यह प्रस्ताव लंबे समय से लंबित था। इसे पैदल सेना के आधुनिकीकरण की ओर एक अहम कदम माना जा रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसआईजी सॉयर राइफलों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इनका इस्तेमाल चीन के साथ लगती करीब 3,600 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात जवान करेंगे। इन्हें त्वरित खरीद प्रक्रिया के तहत खरीदा जा रहा है। अमेरिकी सुरक्षा बलों के साथ-साथ कई यूरोपीय देशों की सेनाएं भी इन अत्याधुनिक राइफलों का इस्तेमाल कर रही हैं। सौदे की प्रक्रिया में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अनुबंध एक सप्ताह में तय होने की उम्मीद है। अमेरिकी कंपनी को सौदा तय होने की तारीख से एक साल के भीतर राइफलों को भेजना होगा।’ सूत्रों के अनुसार ये राइफलें इंसास राइफलों का स्थान लेंगी।

गौरतलब है कि भारत के पास दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी पैदल सेना है। इसे पाकिस्तान और चीन से लगती भारत की हजारों किलोमीटर लंबी सीमा पर कई तरह की चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा है। सीमा की सुरक्षा समेत विभिन्न सुरक्षा खतरों पर विचार करते हुए सेना विभिन्न हथियार प्रणालियों की त्वरित खरीद पर जोर दे रही है।

भारतीय सेना ने अक्टूबर 2017 में करीब सात लाख राइफलों, 44,000 लाइट मशीन गन और करीब 44,600 कार्बाइन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी। सेना ने करीब 18 महीने पहले इशापुर स्थित सरकारी राइफल फैक्ट्री द्वारा निर्मित असॉल्ट राइफलों को खारिज कर दिया था। ये राइफलें परीक्षण में नाकाम रही थीं। इसके बाद सेना ने वैश्विक बाजार में असॉल्ट राइफलों की तलाश शुरू की थी। 

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