लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में शर्मनाक पराजय की कांग्रेस भले ही एक महीने बाद भी गहन समीक्षा न कर पायी हो पर “हाऱ के लिए जिम्मेदार” लोगों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। खासकर लोकसभा सीटों की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में हुई दुर्गति को शीर्ष नेतृत्व हजम नहीं कर पा रहा है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यहां बड़ा फेरबदल करते हुए सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि उप्र में सभी जिला और शहर अध्यक्षों समेत सभी पदाधिकारियों को उनके पद से हटा दिया गया है। फिलहाल पार्टी का पूरा ध्यान उपचुनाव पर है। इसी के मद्देनजर जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां पर अभी से दोनों नेताओं (हटाये गए जिला और शहर अध्यक्षों) की कमेटी बनाकर उनको काम पर लगा दिया गया है। ये दोनों नेता उपचुनाव वाली सीट पर चुनाव प्रबंधन का काम देखेंगे।

कार्रवाई के इसी क्रम में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ भितरघात कर उनको हराने के लिए जिम्मेदार नेताओं को चिह्नित करने के लिए भी तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है जो अपनी रिपोर्ट महासिचव प्रियंका को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर भितरघात करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी।

एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन होने वाले फेरबदल का प्रभारी बनाकर उनका कद बढ़ाया गया है। आपको याद होगा कि पिछले दिनों पूर्वांचल के नेताओं के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा की बैठक के वाराणसी मंडल के एक जिले के बारे में कोआर्डिनेटर ने बताया था कि वहां का जिला अध्यक्ष एक बड़े कांग्रेसी नेता का ड्राइवर है। इसी तरह फैजाबाद मंडल के एक जिले में पार्टी के एक बड़े नेता ने अपने विद्यालय के शिक्षक को ही जिला अध्यक्ष बना दिया है। इसी बैठक में प्रियंका ने कहा था कि कई जगहों पर पार्टी के बड़े नेताओं ने अपने चहेतों को जिले की कमान सौंप रखी है। इन्हीं बातों ले बेहद खफा प्रियंका ने बाजीराव खाडे, जुबैर खान और सचिन नायक को जमीनी स्तर पर सच्चाई का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

error: Content is protected !!