अमेरिका से तनातनी के बीच दुनिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए चीन ने परमाणु हथियारों से लैस चार युद्धपोत बनाने का फैसला किया है।

 बीजिंग। अमेरिका समेत कई देशों से चल रही तनातनी के बीच चीन ने अपनी सैन्य ताकत और बढ़ाने की तैयारी कर ली है। दरअसल चीन की मंशा हिंद महासागर खासकर दक्षिण चीन सागर में प्रभुत्व स्थापित करने की है। उसके निशाने पर अमेरिका के साथ भारत भी है तो वह दक्षिण एशिया के छोटे-छोटे देशों को भी अपने दबाव में रखना चाहता है। इसके लिए नैसेना की मारक क्षमता बढ़ाना जरूरी है। इसके चलते उसने परमाणु हथियारों से लैस चार युद्धपोत बनाने का फैसला किया है जिन्हें 2035 तक तैयार कर लेने की योजना है। इन पोतों के तैयार होने से चीन के पास ऐसे छह युद्धपोत हो जाएंगे। अमेरिका के पास ऐसे कुल 19 युद्धपोत हैं।

साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट में चीन के पूर्व नौसेना अधिकारी वांग युनफेई के हवाले से कहा गया है कि चीन अपनी नौसेना को अमेरिका की बराबरी पर लाना चाहता है। इन युद्धपोतों के निर्माण में सरकार धन की कमी नहीं आने देगी।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अत्याधुनिक सेना का गठन करना चाहते हैं। वायुसेना और नौसेना को अत्याधुनिक बनाने के लिए वह विश्व में सबसे बड़ी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ चायना) के संख्याबल में कटौती के लिए भी तैयार हैं।

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