उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के चार थाना क्षेत्रों के विभिन्न गांवों में गुरुवार रात लोगों ने अवैध शराब पी जो जानलेवा साबित हुई।

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के तमाम दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। गांवों में धधक रहीं शराब की भट्ठियां जानलेवा हो गई हैं। कुशीनगर में जहरीली शराब से 10 लोगों की मौत के बाद गुरुवार की रात से सहारनपुर में भी अवैध शराब का कहर बरपा। यहां पर जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हो गई। 10 से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इनका सहारनपुर और मेरठ  के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मृतकों में लगभग सभी मजदूर हैं। जहरीली शराब से मृतक संख्या लागातार बढ़ती देख प्रशासन ने गांव दर गांव धार्मिक स्थलों से ऐलान करवाया कि लोग शराब न पियें। गौरतलब है कि वर्ष 2009 में देवबंद क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 30 लोगों की मौत हो गई थी।

सहारनपुर के चार थाना क्षेत्रों के विभिन्न गांवों में गुरुवार रात लोगों ने अवैध शराब पी जो जानलेवा साबित हुई। अब तक की सूचना के अनुसार नागल के सलेमपुर गांव में आठ व उमाही में नौ, गागलहेड़ी के शरबतपुर गांव में तीन, गागलहेड़ी के मालीपुर गांव और देवबंद के दंकोपुर गांव में दो-दो व्यक्तियों ने दम तोड़ दिया है। दस लोगों की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।

शुक्रवार सुबह सबसे पहले  नागत थानांतर्गत गांव उमाही में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई। यहां के नौ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उमाही में कंवरपाल (32) पुत्र बलवंत, अरविंद (30) पुत्र मांगेराम, इमरान(48)पुत्र गफ्फार तथा पिंटू(33) बल्लूराम व राजू 42 की जहरीली शराब से मौत हुई है। गागलहेड़ी के गांव शरबतपुर में भी जहरीली शराब पीने से राजबीर 36, महिपाल 50 तथा धूम सिंह उर्फ छंगा 50 ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा गागलहेड़ी के गांव माली में दो तथा देवबंद के गांव डकों वाली में एक व्यक्ति की मौत हो गई। 

सहारनपुर के जिला अस्पताल में बबलू, राजकुमार, सोनी, रिजवान, तनवीर, जलसिंह, सुरेंद्र, तेजपाल व हरिचंद को भर्ती कराया गया है। गागलहेड़ी में राजबीर पुत्र कंटू, महिपाल पुत्र कलीराम, धूम सिंह पुत्र अचबल निवासी शरबतपुर की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। कई लोगों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा है।  

पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर सके हैं कि यह जहरीली शराब आखिर आई कहां से और किससे खरीदी गई। हालांकि उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों से भी अवैध शराब आने की बात सामने आ रही है लेकिन अभी अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

एक साथ इतने अधिक लोगों की मौत की खबर से प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। आइजी शरद सचान, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, एसएसपी दिनेश कुमार पी. और आबकारी विभाग के अधिकारी संबंधित गांवों की ओर रवाना हो गए। आबकारी और पुलिस की टीमें प्रभावित गांवों में जाकर जांच-पड़ताल करने का दावा कर रही है।

मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर के साथ कुशीनगर के जिलाधिकारी को को भी प्रभावित व्यक्तियों की समुचित चिकित्सा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये जबकि अस्पतालों में उपचार करा रहे प्रभावितों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव आबकारी को इन दोनों जनपदों के जिला आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है। पुलिस महानिदेशक को सहारनपुर और कुशीनगर के पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए भी कहा गया है। मुख्यमंत्री ने आबकारी और पुलिस  को अवैध शराब से जुड़े लोगों के खिलाफ 15 दिन में संयुक्त अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है।


आईजी सहारनपुर और गोरखपुर करेंगे जांच

उप्र के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के मामले की जांच आईजी साहनपुर और आईजी गोरखपुर को सौंपी है। इनको एक सप्ताह में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट डीजीपी कार्यालय को सौंपनी होगी।

गौरतलब है कि कुशीनगर के तरयासुजान थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। शासन ने इस मामले में थानेदार और आबकारी निरीक्षक समेत नौ लोगों को निलंबित कर दिया है। एक कारोबारी को भी गिरफ्तार किया गया है

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