आर्थिक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ते एशिया के एशिया के इन दो पड़ोसी देशों भारत और चीन में घरेलू मांग बढ़ने की प्रमुख वजह सुदृढ़ आर्थिक विस्तार के अलावा युगल शहरों के बीच उड़ानों में बढ़ोतरी रही।
नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है तो बरेली में निर्माणाधीन एयर पोर्ट से जल्द ही उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इसी के साथ भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक और अच्छी खबर है।भारत ने लगातार चौथे साल सबसे तेजी से बढ़ने वाले उड्डयन बाजार का रुतबा बरकरार रखा है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आयटा) की ओर से जारी 2018 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के घरेलू बाजार ने लगातार चौथे वर्ष 18.6 प्रतिशत की सबसे तेज वृद्धि दर हासिल की।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के बाद चीन ने उड्डयन क्षेत्र मे में सर्वाधिक 11.7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की। आर्थिक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ते एशिया के एशिया के इन दो पड़ोसी देशों में घरेलू मांग बढ़ने की प्रमुख वजह सुदृढ़ आर्थिक विस्तार के अलावा युगल शहरों के बीच उड़ानों में बढ़ोतरी रही। भारत में तो लगातार 50वें महीने (अक्टूबर, 2018) में दो अंकों की वृद्धि दर देखने में आई। हालांकि चीन में अर्थव्यवस्था के बढ़ते आधुनिकीकरण के चलते हाल के महीनों में कुछ सुस्ती के संकेत दिखाई दिए हैं।
भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अनुसार 2018 में 13.9 करोड़ घरेलू यात्रियों ने हवाई यात्रा की। यह संख्या 2017 के मुकाबले 18.6 प्रतिशत अधिक है जब 11.7 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी। इससे पहले 2017 में भारतीय घरेलू क्षेत्र में वृद्धि दर 17.3 प्रतिशत थी। सन् 2016 में यह 23.2 प्रतिशत जबकि 2015 में 20.3 प्रतिशत रही थी। आयटा की रिपोर्ट बताती है कि सन् 2017 और 2018 दोनों वर्षो में वैश्विक स्तर पर घरेलू हवाई सफर में औसतन सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस दौरान भारत और चीन की अगुवाई में तकरीबन सभी बाजारों ने बढ़त हासिल की।
हालांकि वैश्विक बाजारों में पिछले छह महीनों के दौरान कुछ सुस्ती दिखी। विशेषज्ञों ने इसके लिए ब्रेक्जिट, चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव तथा अनिश्चितता को जिम्मेदार ठहराया है।