लखनऊ। ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब उत्तर प्रदेश में शहरों से लेकर गांवों तक रात के सामय “जागते रहो-जागते रहो” का आवाज सुनाई पड़ती थी। यह काम करता था इलाकाई चौकीदार। अंग्रेजों के समय से चली आ रही यह व्यवस्था अब पटरी से उतर चुकी है। प्रदेश में बढ़ते अपराधों के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार अब इस व्यवस्था को मॉडीफाई तरीके से लागू करने जा रही है। इस नई व्यवस्था में “जागते रहो” तो सुनाई पड़ेगा पर यह काम चौकीदार नहीं बल्कि पुलिस की “100 डायल” की गाड़ियां करेंगी।

अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा का एहसास दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की “100 डायल” की गाड़ियों में अब रात में गश्त के दौरान “जागते रहो” का सायरन बजेगा। इस पहल को ट्रायल के तौर पर अभी राजधानी लखनऊ के हजरतगंज सर्किल में लागू किया गया है। सफल होने पर पूरे शहर और फिर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। ट्रायल के तौर पर हजरतगंज सर्किल की सभी “100 डायल” गाड़ियों पर “जागते रहो” के सायरन लग गए हैं। लखनऊ पुलिस ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है और “जागते रहो” सायरन के माध्यम से क्षेत्र में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि हमने अपराध के ग्राफ को बहुत हद तक नियंत्रित किया है। हम लोगों के मन में पुलिस की अच्छी छवि बनाने का प्रयास और जो नई पहल कर रहे हैं यह उनमें से एक है।

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