नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी दी गई। संशोधित विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर 10 गुना तक जुर्माने और जेल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यातायात नियमों का उल्लंघन कर बच निकलने वालों पर नकेल कसी जा सके। संशोधित विधेयक में जुर्माने की अधिकतम राशि एक लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव है। इसे भी राज्य सरकारों की तरफ से 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
यह विधेयक राज्यसभा में लंबित था लेकिन 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद निरस्त हो गया था। विधेयक में किए गए प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी जांच-परख की है।
सूत्रों ने बताया कि संशोधित विधेयक में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सख्त प्रावधान रखे गए हैं। ओला, उबर जैसे समूहों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। तेज वाहन चलाने पर 1,000 से 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है जबकि आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।
नाबालिग बच्चों को वाहन देने वालों को हो सकती है तीन साल की सजा
संशोधन विधेयक के मसौदे के अनुसार, यातायात नियमों का उल्लंघन होने पर न्यूनतम 100 रुपये के स्थान पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। बिना बीमा पॉलिसी वाहन चलाने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना रखा गया है। बिना सीट बेल्ट लगाए या बिना हेलमेट पहने वाहन चलाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाना शामिल है। किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुए सड़क पर कोई अपराध होने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जाएगा और तीन साल की सजा के साथ 25 हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा। साथ ही वाहन का पंजीकरण भी निरस्त कर दिया जाएगा।
नए मसौदे में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 1,000 के बजाय 5,000 रुपये और शराब पीकर वाहन चलाने पर 10,000 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जेल भी हो सकती है। अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करने पर 500 रुपये के स्थान पर अब 2,000 रुपये का जुर्माना भरना पडेगा। वाहन का अनधिकृत इस्तेमाल करने पर 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। लाइसेंस के बिना वाहन चलाने पर भी इतना ही जुर्माना देना होगा।
संशोधित विधेयक में खास
-कार के खराब कल-पुर्जों को ठीक करने के लिए कंपनियों को कार अनिवार्य रूप से वापस लेनी होगी।
-वाहन की खराब गुणवत्ता के लिए निर्माता कंपनियां जिम्मेदार होंगी।
-सुरक्षा मानक पूरा न करने वाली वाहन निर्माता कंपनी से 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूलने का प्रावधान।
-चालक लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन में आधार नंबर अनिवार्य।
-“हिट एंड रन”मामले में पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये की जगह दो लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान।
-नाबालिग द्वारा यातायात नियम तोड़ने पर संबंधित वाहन मालिक के खिलाफ क्रिमिनल केस व नाबालिग के खिलाफ ज्युवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही संबंधित वाहन का रजिस्ट्रेशन रद हो सकता है।