नई दिल्ली। भारी छूट, बम्पर छूट, लूट सको तो लूटो जैसे स्लोगन के सहारे ग्राहकों को लुभाने और दूसरों के व्यापार पर “डाका” डालने का खेल अब खत्म होने की उम्मीद है। फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले ऐसे प्रलोभनों की बढ़ती शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को चेताया है। चेतावनी दी है कि इन कंपनियों को डिस्काउंट देते समय हर हाल में एफडीआई नियमों को ध्यान में रखना होगा।
ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ गत दिनों हुई बैठक में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के रवैये पर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार नए एफडीआई नियमों पर कंपनियों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार है लेकिन वह छोटे और मझोले उद्यमियों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने छोटे व्यापारियों की मदद के लिए इसी साल एक फरवरी से नया एफडीआई नियम लागू किया है। नए नियमों के अनुसार, कोई कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर किसी प्रोडक्ट के ऊपर एक्सक्लुसिव डिस्काउंट नहीं दे सकती। इसके अलावा वे ऐसी कंपनियों के उत्पाद भी नहीं बेच सकती हैं जो सिर्फ उनके ही प्लेटफॉर्म पर पायी जाएं। इसके बावजूद छोटे व्यवसायियों और सत्तारूढ़ दल के करीबी दक्षिणपंथी समूह का कहना है कि अभी भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर काम होना है।
छोटे व्यापारियों की शिकायत रही है कि नए एफडीआई नियमों के बावजूद विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां नियमों में मौजूद कमियों का फायदा उठाकर भारी डिस्काउंट दे रही हैं। दूसरी ओर फ्लिपकार्ट और अमेजॉन का कहना है कि वे कहीं भी एफडीआई नियमों को नहीं तोड़ रही हैं। दोनों ही कंपनियों ने कहा है कि उनकी वाणिज्य मंत्री से बातचीत सकारात्मक रही है और वे सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर भारत सरकार की इस सख्ती से अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव और बढ़ सकता है। अमेरिका भारत के एफडीआई नियमों की आलोचना करता रहा है। उसको लगता है कि नई एफडीआई नीतियों से उसकी कंपनियों को नुकसान होगा।