नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को भारत की आजादी के बाद हुए युद्धों में अपनी जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश को समर्पित किया। इन बेहद भावुक और गर्व से भरे पलों में देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सशस्त्र सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। जिन फैसलों को पहले असंभव समझा जाता था, उन्हें हम संभव बना रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर “मुझे आपको यह बताने का सौभाग्य मिला है कि हमारी सरकार सैनिकों के लिए एक नहीं बल्कि तीन सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल बनाने जा रही है।” प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को नमन करके की।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े देश आज हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। यही कारण है कि 2016 में हमारे अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था। आज एक के बाद एक कई देश हमारे साथ रक्षा सहयोग के समझौते करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के लगभग 70 में से 50 बड़े मिशनों में अब तक अपने दो लाख से ज्यादा सैनिक भेजे हैं। भारत के सबसे ज्यादा सैनिक इन शांति अभियानों में शहीद हुए हैं। भारतीय सेना एक ऐसी सेना है जो शांति की स्थापना के लिए हथियार उठाती है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को भारत की आजादी के बाद से अब तक हुए युद्धों में देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। यहां 1947 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध से लेकर अब तक हुए सभी युद्धों में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों-अधिकारियों के नाम, रैंक और नंबर अंकित हैं। यहां एक विशेष खंड में परमवीर चक्र से सम्मानित जवानों-अफसरों की प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं।
नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को भारत की आजादी के बाद हुए युद्धों में अपनी जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है।