चीन के वुजेन शहर में आरआईसी समूह के विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक में भारतीय विदेश मंत्री ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा।
नई दिल्ली। जैश-ए-मोहममद के आतंकवादी ठिकानों पर वायुसेना की बड़ी कार्रवाई के अगले ही दिन बुधवार को भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त किया कि वह पाकिस्तान के साथ तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के वुजेन शहर में रूस-भारत-चीन (आरआईसी) समूह के विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘यह (बालाकोट कार्रवाई) सैन्य अभियान नहीं था, किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। इस कार्रवाई का सीमित उद्देश्य आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों के खिलाफ निणार्यक कदम उठाना था। भारत तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। भारत लगातार जिम्मेदारी और संयम के साथ काम करता आ रहा है।’’
आरआईसी के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में हवाई हमले के अलावा पुलवामा आतंकवादी हमला, पाकिस्तान स्थित जैस-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठने की उम्मीद है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई मुलाकात में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले का मुद्दा उठाया। रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई इस मुलाकात के दौरान सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘मैं ऐसे वक्त में चीन आयी हूं जब भारत में शोक और गुस्से का माहौल है। यह जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ सबसे भीषण हमला था। यह हमला पाकिस्तान स्थित और समर्थिक संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया है।’’
गौरतलब है कि बीती 14 फरवरी को आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था। इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इसके जवाब में 26 फरवरी को तड़के भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर हमला कर कई बड़े आतंकवादी शिविरों को तबाह कर दिया था।