कड़वा सच : कश्मीर में जेहादी आतंक से ज्यादा खतरनाक हैं बौद्धिक आतंकवाद

बरेली। देश के आंतरिक हालातों पर काबू करने के लिए एक इंटरनल सर्जिकल स्ट्राइक आवश्यक है। भारत वर्ष इन दिनों गंभीर आंतरिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश में छुपे गद्दारों को मारने के लिए हर रोज स्ट्राइक की जाए। जहां तक कश्मीर की बात है तो वहां केवल आतंकियों को मारने से हालात नहीं सुधरने वाले। कश्मीर में जेहादी आतंकियों से ज्यादा खतरनाक हैं बौद्धिक आतंकवाद। जब तक इन पर नकेल नहीं कसी जाएगी, समस्या नहीं सुलझेगी। देश के प्रखर चिंतकों ने इस ‘कड़वा सच’ पर बेबाकी से रविवार की शाम आईएम हॉल में चर्चा की।

वरिष्ठ पत्रकार और विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। बोले-सरकारें आएंगी और जाएंगी। लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी। राजनीति देश के नागरिकों में भेदभाव, धार्मिक साम्प्रदायिकता और जातिगत वैमनस्य को बढ़ावा दे रही हैं। समाज हिन्दू-मुस्लिम की लड़ाई में उलझा हुआ है। देश में छुपे गद्दारों को मारने के लिए हर रोज स्ट्राइक की जाए। उन्होंने आर्टिकल 35-ए पर भी चर्चा करते हुए कहा कि कश्मीर की समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है। यह केवल घाटी की समस्या है। जम्मू-कश्मीर के 15 फीसदी हिस्से के साढ़े सात फीसदी लोगों की समस्या है। घाटी में केवल आतंकियों को मारने से हालात नहीं सुधरने वाले। कश्मीर में जेहादी आतंकियों से ज्यादा खतरनाक हैं बौद्धिक आतंकवाद। इस पर काबू किये बिना यह समस्या हल होने वाली नहीं।

पूर्व रॉ अधिकारी सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल आरएसएन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा देश का माहौल अच्छा नहीं है। आतंकियों और माओवादियों का गठजोड़ देश की सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा है। इससे निपटने के लिए इंटरनल सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। देशद्रोहियों के खिलाफ सख्त कानून बने और कार्रवाई हो। उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर राष्ट्रविरोधी राजनीति करने वालों को आड़े हाथों लिया। कहा कि लोग पठानकोट हमले को इंटेलीजेन्स फेलियर कह रहे हैं तो बालाकोट का सटीक एक्शन बिना किसी इंटेलीजेन्स हो गया क्या?

यूथ इन एक्शन के राष्ट्रीय संयोजक शतरुद्र प्रताप ने कहा कि लोगों ने आज तक जीवन में संविधान को फॉलो नहीं दिया। कुरीतियों को बढ़ावा दिया। क्या सुभाषचंद्र बोस जैसा नेता भारत में नहीं हो सकता। कौन कहता है भारत सुरक्षित है। अगर सुरक्षित है तो निर्भया जैसे कांड क्यों होते हैं। हमें सोच बदलनी होगी। राष्ट्रवादी सोच से ही भारत अखण्ड बन और रह सकता है।

सेवानिवृत्त कर्नल सीपीएस राठौर ने कहा कि पुलवामा हमले में शहीदों की शहादत का बदला सैन्य वीरों ने लिया। उस समय दुःख की घड़ी में पूरा भारत एकजुट था। एयरफोर्स के जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर 22 मिनट तक बम गिराए। उस फिल्म का रियल हीरो विंग कमांडर अभिनंदन है। जो पाकिस्तान की सेना के कब्जे में होते हुए भी नहीं झुका। बालकोट में सेना ने घुसकर आतंकियों के ठिकाने ही नष्ट कर दिए। पूरा देश सेना के शौर्य को सलाम कर रहा है।

वक्ताओं के भाषण के बीच में कई बार भारत माता की जय के नारों से आईएमए हॉल गूंज उठा। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार, नगर विधायक डा. अरुण कुमार, डा. राघवेंद्र शर्मा, डा. रवि खन्ना, डा. विमल भारद्वाज, डा. अतुल अग्रवाल, डा. विनोद पागरानी आदि उपस्थित थे। संचालन डॉ. डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने किया। अंत में उपस्थित जन समुदाय ने वक्ताओं से सवाल भी पूछे, जिनका वक्ताओं ने जवाब भी दिये।