नागपुर, 15 मार्च। भारतीय टीम का न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सिलसिला छठी बार भी जारी रहा। जिस तरह ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती में हराना। फिर एशिया कप फतह करने के बाद भारतीय टीम मानसिक और क्षमता दोनों रुपों में मजबूत थी, लेकिन हार को नहीं टाल सकी। चलिए, भारत की हार के कारण जानते हैं।
टीम इंडिया के लिए हार का सबसे प्रमुख कारण टॉस रहा। टॉस में न्यूजीलैंड की सफलता उन्हें पहले ही फ्रंटफुट में ले गई और भारत को बैकफुट में।
टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही। मामूली सा लक्ष्य मिलने के बाद भी ओपनिंग जोड़ी अच्छी साझेदारी नहीं कर सकी। शिखर धवन एक रन और रोहित शर्मा सिर्फ 5 रन ही बना सके। वर्ल्ड कप के आगाज मैच में ही ओपनिंग जोड़ी का फेल होना भारत के लिए बेहद निराशाजनक रहा।
टीम इंडिया की गेंदबाजी अच्छी रही, इसमें कोई दोहराई नहीं। लेकिन इससे उलट बल्लेबाजी ने काफी निराश किया। लंबा और मजबूत बैटिंग लाइन-अप होने के बावजूद भारतीय बल्लेबाज खासा प्रभाव नहीं डाल सके। विराट कोहली, युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे मैच जिताऊ बल्लेबाज खराब शॉट चयन के चलते अपना विकेट गंवा बैठे।
भारतीय टीम स्पिनरों के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी में माहिर मानी जाती है। लेकिन इस मुकाबले में न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भारतीय बल्लेबाजों को चौंकाया। भारतीय बल्लेबाजों को आउट स्पिनरों ने ही किया। महज 2.80 की इकॉनमी से शानदार गेंदबाजी करने वाले सेंटनर ने रोहित शर्मा, सुरेश रैना, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पांड्या जैसे दिग्गजों के विकेट अपने नाम किए। उनके अलावा नाथन मैक्कलम को दो, एडम मिलन एक विकेट और इश सोढ़ी ने तीन विकेट हासिल किये।
भारत ने धीमी पिच पर न्यूजीलैंड को सात विकेट पर 126 रन बनाने दिये थे लेकिन इसके जवाब में उसकी टीम कीवी स्पिनरों के सामने नहीं टिक सकी और 18.1 ओवर में 79 रन पर ढेर हो गई। मैच में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को 47 रनों से पराजित किया।
मैच के बाद धोनी ने कहा ‘यह कम स्कोर वाला विकेट था और मुझे लगता है कि हमने उन्हें अच्छे स्कोर पर रोक दिया लेकिन बल्लेबाजों ने हमें निराश किया। शॉट का चयन अच्छा नहीं था और इससे आने वाले बल्लेबाज पर दबाव बना।
उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की और परिस्थितियों का अच्छा फायदा उठाया। हमारी टीम में परिस्थितियों से तालमेल बिठाने का अभाव दिखा। हम बेहतर तरीके से खेल सकते थे। बल्लेबाजों ने हमें निराश किया।’