उफा (रूस)। भारत समेत पांच ब्रिक्स देशों द्वारा गठित नव विकासबैंक (एनडीबी) अगले साल अप्रैल से स्थानीय मुद्रा में ऋण देना शुरू कर देगा और यह मुख्य रूप से सदस्य देशों की ऋण की जरूरत पर ध्यान देगा। यह बात बैंकिंग जगत की जानी-मानी हस्ती और एनडीबी के प्रमुख के वी कामत ने आज कही।
कामत ने कहा कि अन्य देशों को सदस्य बाने के विषय में फैसला इसका संचालन मंडल बैंक अगले कुछ महीनों में करेगा। उन्होंने यहां साक्षात्कार में कहा ‘‘मुझे लगता है कि हम अगले साल पहली तिमाही की शुरआत कभी ऋण देने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे .. विचार यह है कि अगले साल अप्रैल तक हम सभी सदस्य देशों के लिए (ऋण के संबंध में) परियोजनाओं की स्थिति तैयार कर लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि एनडीबी के सदस्य देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को विकास के लिए संसाधनों की भारी आवश्यकता है।
यह बैंक अपने सदस्यों के लिए रिण सहायता के विभिन्न तरीकों को अपनाने पर विचार करेगा। इस बैंक का गठन 100 अरब डालर की अधिकृत पूंजी से किया गया है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए कामत ने कहा ‘‘मूल रूप से यह ऋण है जिस पर हम विचार कर रहे हैं। हम ऋण की विभिन्न योजनाओं पर हम विचार कर रहे हैं।’’ शिखर बैठक में बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदस्य देशों के अन्य सदस्य देशों ने हिस्सा लिया।