चंद्रपुर, 27 जुलाई। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को यहां कहा कि इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में दोबारा लिखने की जरूरत है ताकि भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभर सके।
स्वामी ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जन्म दिवस के मौके पर यहां प्रियदर्शनी सभागार में कहा, कि यदि भारत को अगले कुछ दशकों में एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरना है तो, इतिहास सही परिप्रेक्ष्य में लिखे जाने की जरूरत है ताकि युवा पीढ़ी विकृत इतिहास के जरिए थोपे गए अपने निम्न स्तर के स्वाभिमान से छुटकारा पा सके।
यहां लोकमान्य तिलक स्मारक मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘हम पर मुगलों ने आक्रमण किया जिन्होंने हमारे लोगों को प्रताड़ित किया जबकि ब्रिटिश ने हमे तुच्छ महसूस कराने के लिए मानसिक और मनोवैज्ञानिक तरकीबें अपनाई। उन्होंने हमें असीम शक्ति होने के बावजूद ऐसा बाघ बना दिया जो रिंग मास्टर के निर्देशों का पालन करता है।
उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सकता है क्योंकि इसकी 70 फीसदी आबादी 35 साल से कम आयु की है। यदि सरकार उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश करती है, तो भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर सकता है।
स्वामी ने जोर देते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और अनुच्छेद 370 एक ऐसी भारी भूल है जिसे जवाहरलाल नेहरू ने किया था। उसे रद्द किए जाने की जरूरत है क्योंकि इसे अस्थायी अवधि के लिए स्वीकार किया गया था।