नयी दिल्ली, 27 जुलाई। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक पर इस संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की मांग की तथा कहा कि केंद्र सरकार उनको हटाए।
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने आज राज्यपाल को आगाह किया कि वह अतिसक्रियता नहीं दिखाएं, नहीं तो पार्टी कार्यकर्ता उनके विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि राज्यपाल को अपनी ‘अनुचित’ टिप्पणियों को लेकर माफी मांगनी चाहिए और केंद्र से आग्रह किया कि पद की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए वह नाईक को हटाए।
नाईक की ओर से राज्य सरकार के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी किए जाने को लेकर अखिलेश सरकार और उनके बीच टकराव जैसी स्थिति चल रही है। यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह नाईक को राज्यपाल के पर से हटाएं और उनको आगामी उप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार बनाएं।
सपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘वह नियमित तौर पर आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और गैरजिम्मेदाराना बयान देते हैं। हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि उनको पद से हटाएं और 2017 के विधानसभा चुनाव में उनको भाजपा का उम्मीदवार बनाएं।’’ नाईक की टिप्पणी के विपरीत सपा नेता ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि यादव जाति के लोग उप्र प्रशासन में वरिष्ठ पदों पर बहुत कम संख्या में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘53 मुख्य सचिवों और 21 सचिवों में से सिर्फ एक या दो ही यादव हैं। कुल 338 आईपीएस पदों में सिर्फ 19 लोग यादव जाति के हैं।’’