dengueनई दिल्ली, 03 अगस्त। भारत को दुनिया की डेंगू की राजधानी माना जाता है, क्योंकि यहां पर डेंगू के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जाते हैं। मानसून में यह समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि सड़कों पर गड्डों में पानी भर जाता है। ठहरा हुआ पानी एडीज मच्छर के तेजी से पनपने का साधन बनते हैं।

एक ताजा शोध के अनुसार, 58 लाख से ज्यादा भारतीय हर साल डेंगू से पीड़ित पाए जाते हैं, यह अंकड़ा सरकारी रिपोर्ट में दर्ज 20000 के अंकड़े से 282 गुना ज्यादा है। तेजी से बढ़ते डेंगू के मामलों और इसके शरीर के अहम अंगों पर होने वाले प्रतिकूल असर के मद्देनजर शहर के विषेशज्ञों ने इसकी रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने और तुरंत कदम उठाने की सलाह दी है।

डेंगू बुखार के आम लक्षण में बुखार, उल्टी, सिर दर्द, आखों के पीछे दर्द और जोड़ो व मांसपेशियों में तीव्र दर्द शामिल हैं। इस बीमारी की जांच कम प्लेटलेट से होती है जो कि रक्त की जांच से की जाती है। लेकिन हल्के से गंभीर दिल के रोग वाले मरीजों पर इसका क्या असर होता है, ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है।

एक्शन हार्ट इंस्टीट्यूट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अमर सिंघल के अनुसार, डेंगू से पीड़ित मरीज के प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से उसके शरीर के अहम अंगों खास कर दिल की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर प्लेटलेट्स की संख्या 45000 से नीचे चली जाए तो दिल की कार्यप्रणाली पर गहरा असर हो सकता है।

अगर ऐसे मरीज की दिल की सेहत पर तुरंत ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। दिल के इर्द-गिर्द तरल पदार्थ जमा होने से दिल की मांसपेशियों की कमजोरी और रक्त ध्मनियों में रिसाव जैसी गंभीर समस्याएं डेंगू की वजह से हो सकती हैं।

दिल के मरीजों को भी पता होना चाहिए कि डेंगू उनके लिए कितना खतरनाक हो सकता है और उन्हें डेंगू से बचने के लिए बारिश के मौसम में पूरा ध्यान रखना चाहिए।

एजेंसी
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