नई दिल्ली, 02 अगस्त। देश के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण अब तक करीब सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सबसे बुरा हाल पश्चिम बंगाल, ओडिशा, गुजरात और राजस्थान का है। गुजरात में भारी बारिश से मृतक संख्या 53 पहुंच गई है।अधिकारियों ने आज कहा कि इनमें से 28 लोग सबसे बुरी तरह प्रभावित बनासकांठा जिले में मारे गये।
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने कहा, ‘मृतक संख्या 53 हो गयी है जिनमें बुरी तरह प्रभावित बनासकांठा में मारे गये 28 लोग शामिल हैं।’ एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक उत्तरी गुजरात और कच्छ में बाढ़ से हुई भारी तबाही को देखते हुए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने आज संपत्ति के नुकसान पर मुआवजे की घोषणा की।
दक्षिण और उत्तर ओडिशा में कई जगहों पर पैदा तनाव के कारण अगले 24 घंटों में तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि बांग्लादेश के उपर पैदा तनाव के पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने और पश्चिम बंगाल तथा पडोसी बांग्लादेश के ऊपर मौजूद होने से आज राज्य के उत्तरी और दक्षिणी भागों के कई इलाकों में बारिश तथा गरज के साथ बौछारें पड़ी।
विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटों में राज्य के उत्तरी भाग के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश जबकि दक्षिणी भागों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
राजस्थान में वर्षाजनित हादसों में अलग-अलग स्थानों पर चार युवकों सहित पांच लोगों की डूबने से मौत हो गई। दक्षिण-पश्चिम मानसून का केन्द्र बिन्दू बने बीकानेर संभाग के करणपुर में आज सुबह 8.30 बजे तक अधिकतम बारिश पांच सेंटीमीटर दर्ज की गई।
लूणकरणसर पुलिस ने रविवार को बताया कि डुलमेरा स्टेशन के पास एक बरसाती तालाब में नहाते समय महावीर सिंह (12) और गिरधारी (14) की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि गत 31 जुलाई और एक अगस्त की रात में दोनों नहाने के लिये तालाब पर गये थे। दोनों की डूबने से मौत हो गई। मृतकों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिये गये है। जोधपुर जिले के समदडी कस्बे में कल शाम लूणी नदी में डूबने से वेणुगोपाल और सुशील की मौत हो गई। गोताखोर दोनों के शवों की तलाशी में कल रात से जुटे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि सिरोही जिले के दातिंया गांव में 35 वर्षीय युवक भीमाराम की तालाब में पैर फिसल जाने से गहराई में डूब जाने से मौत हो गई। युवक तालाब में भरे पानी का जलस्तर जानने के लिये पानी में उतरा था, लेकिन पैर फिसल जाने से गहराई में चला गया और डूब गया।
उन्होंने बताया कि सांचौर तहसील में 12 गांवों में अभी भी भारी बरसात के कारण भरे पानी से निजात नहीं मिली है। हालांकि गत शुक्रवार से बारिश का दौर थम गया है।
दक्षिण बंगाल के जिलों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थिति तब और भी बिगड़ गई जब चक्रवात कोमेन के बाद कम दबाव के क्षेत्र के कारण जिलों में भारी बारिश हो रही है। बंगाल के कई दक्षिणी क्षेत्र के जिलों जैसे कि हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर में बाढ़ जैसे हालात हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में यहां भारी बारिश हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ से 1.8 लाख मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और 2.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद कहा कि कुल 12 जिले प्रभावित हुए हैं और 39 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि 1.19 लाख प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए 966 राहत शिविर बनाये गए हैं।