नई दिल्ली,25 अगस्त। जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट जारी करने की मांग के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को धार्मिक आधार पर जनगणना रिपोर्ट जारी कर दी है। वर्ष 2011 में भारत की कुल आबादी 121.09 करोड़ है। सरकार ने छह धर्मों-हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन के जनसंख्या के आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक हिंदुओं की जनसंख्या में जहां 0.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या 0.8% बढ़ी है।
भारत के महापंजीयक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हिंदुओं की आबादी 79.8%, मुस्लिम की 14.2%, ईसाई 2.3%, सिख 1.7%, बौद्ध 0.7%, जैन 0.4% है। 121.09 करोड़ की आबादी में हिंदुओं की संख्या 96.63 करोड़, मस्लिमों की संख्या 17.22 करोड़, ईसाई 2.78 करोड़, सिख 2.08 करोड़, बौद्ध 0.84, और जैन 0.45 करोड़ हैं।
जनगणना के आंकड़े एकत्रित करने के चार साल से अधिक समय बाद आज धर्म आधारित आंकड़े जारी किये गये वहीं जाति आधारित जनगणना के आंकड़े अभी सार्वजनिक नहीं किये गये हैं।
राजद, जदयू, सपा और द्रमुक तथा अन्य कुछ दल सरकार से जाति आधारित जनगणना जारी करने की मांग कर रहे हैं। जनसंख्या के सामाजिक आर्थिक स्तर पर आंकड़े तीन जुलाई को जारी किये गये थे।
जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार 2001 से 2011 के बीच मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई और हिंदू जनसंख्या घटी। सिख समुदाय की आबादी में 0.2 प्रतिशत बिंदु (पीपी) की कमी आई और बौद्ध जनसंख्या 0.1 पीपी कम हुई।
साल 2001 के आंकड़ों के अनुसार भारत की कुल आबादी 102 करोड़ थी जिसमें हिंदुओं की आबादी 82.75 करोड़ (80.45 प्रतिशत) और मुस्लिम आबादी 13.8 करोड़ (13.4 प्रतिशत) थी।
वर्ष 2001 से 2011 के बीच हिंदुओं की जनसंख्या में 0.7 प्रतिशत की कमी, सिखों की जनसंख्या में 0.2%, बौद्ध जनसंख्या में 0.1% की कमी दर्ज की गई है जबकि इस दौरान मुस्लिमों की जनसंख्या 0.8 प्रतिशत बढ़ी है। ईसाई और जैन समुदाय की जनसंख्या में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नजर नहीं आया है। वर्ष 2001 से 2011 के दौरान हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 16.8%, मुस्लिमों की जनसंख्या 24.6%, ईसाई की जनसंख्या 15.5%, सिख की जनसंख्या 8.4%, बौद्ध की जनसंख्या 6.1 और जैन की जनसंख्या 5.4% रही है।
खास बात यह है कि जनगणना के दौरान करीब 29 लाख लोगों ने अपने धर्म की जानकारी देने से इनकार कर दिया। अचानक धर्म आधारित जनसंख्या के आंकड़े जारी करने के सरकार के कदम को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ट्रंप कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 1991 से 2001 की अवधि की तुलना में वर्ष 2001 से 2011 के बीच सभी धर्मों की जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आई है।
एजेन्सी।