hardik-patel-gujratअहमदाबाद, 26 अगस्त। गुजरात में पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद हालात को काबू में करने के लिए बुधवार को सेना बुला ली गयी। हिंसा में अब तक सात लोग मारे जा चुके हैं और राज्य के कई बड़े शहरों और कस्बों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता से शांति बनाये रखने की अपील के बावजूद पटेल समुदाय के सदस्यों ने आगजनी, पथराव किया और सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने आज इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार ने अहमदाबाद में एक रैली में प्रदर्शनकारियों पर लाठी भांजने का आदेश दिया था जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुए।

उन्होंने कहा, ‘मैंने जीएमडीसी मैदान में लाठीचार्ज की घटना के मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं। गुजरात के डीसीपी जांच कर रहे हैं। सरकार को रिपोर्ट का इंतजार है। सरकार ने लाठीचार्ज या अत्यधिक बल प्रयोग के लिए कोई आदेश नहीं दिया था।’ अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, राजकोट, जामनगर, पालनपुर, उंझा, विसनगर और पाटन शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

gujrat after arresting of hardik patel 2608201502 gujrat after arresting of hardik patel 2608201503अहमदाबाद के जिला कलेक्टर राजकुमार बेनीवाल ने कहा, ‘पटेल समुदाय के आंदोलन की वजह से हिंसा भड़कने के बाद कानून व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए अहमदाबाद शहर में सेना की पांच कंपनियां बुलाई गयी हैं।’ बेनीवाल ने कहा कि शहर के पांच मागोर्ं पर सेना फ्लैग-मार्च करेगी, जहां बड़ी संख्या में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। अर्धसैनिक बलों के भी करीब 5000 जवान गुजरात पहुंच गये हैं।

पुलिस ने बताया कि चार लोग पुलिस गोलीबारी में मारे गये, वहीं एक आदमी कल रात से शुरू हुई हिंसा के दौरान सिर में चोट लगने से मारा गया। इन पांच मामलों में से तीन लोगों की मौत के मामले अहमदाबाद से, वहीं दो मामले बनासकांठा जिले के गढ़ गांव से सामने आये हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजराती भाषा में दिए टेलीविजन संदेश में लोगों से शांति की अपील की और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत से सभी मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री बनने से पहले 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी ने कहा, ‘महात्मा गांधी और सरदार पटेल की धरती पर किस तरह हिंसा का सहारा लिया जा रहा है…. मैं गुजरात के सभी भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि उन्हें हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। केवल एक मंत्र होना चाहिए ‘शांति’।’ 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से बात की और उन्हें हालात से निपटने में केंद्र की ओर से पूरी तरह सहायता का आश्वासन दिया। इस बीच पटेल अनामत आंदोलन समिति के नेता 22 वर्षीय हार्दिक ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा।

बीती रात प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा भड़काने के आरोपों को खारिज करते हुए हार्दिक ने पुलिस पर आरोप लगाया कि राजनीतिक तंत्र के इशारे पर आंदोलन को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। पटेल समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी देने वाले हार्दिक पटेल को कल रात हिरासत में लिये जाने के बाद भड़की हिंसा की आग आज गुजरात के कई हिस्सों में सुलगती रही।

हार्दिक द्वारा बंद के आह्वान के बाद आज कई जगहों पर सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त रहा और स्कूल, कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बैंक और सार्वजनिक परिवहन के साधन भी बंद रहे। पुलिस ने कहा कि पालनपुर कस्बे के पास गढ़ गांव में एक थाने में आग लगाने की कोशिश कर रही भीड़ पर पुलिस की गोलीबारी में कम से कम दो लोग मारे गये।

gujrat2बनासकांठा के जिला कलेक्टर दिलीप राणा ने कहा, ‘दोपहर करीब एक बजे उग्र भीड़ गढ़ थाने में घुस आई और उसे जलाने का प्रयास किया। स्थानीय पुलिसकर्मियों ने अपने बचाव के लिए कुछ राउंड गोलियां चलाईं जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी। पालनपुर में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।’ पुलिस प्रवक्ता एनडी त्रिवेदी ने बताया, ‘पुलिस को तीन शव मिले हैं। संदेह है कि अहमदाबाद में हिंसा भड़कने के दौरान ये लोग मारे गये।’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार वस्त्रल इलाके में पुलिस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गयी, वहीं शहर के घाटलोदिया इलाके में एक व्यक्ति का शव मिला। उन्होंने कहा, ‘कल देर रात पुलिस गोलीबारी में 47 वर्षीय गिरीश पटेल और उनके बेटे सिद्धार्थ पटेल (20) की मौत हो गयी।’ अधिकारी ने दावा किया, ‘घटना उस समय घटी जब भीड़ ने पुलिस से हथियार झपटने की कोशिश की। इन दोनों ने एक पुलिसकर्मी से राइफल छीनने की कोशिश की थी और इसी दौरान झड़प में वे मारे गये।’ पुलिस को घाटलोदिया में एक व्यक्ति का शव मिला जिसकी मृत्यु सिर में गंभीर चोट लगने से हुई थी।

सूरत में आज कई हिस्सों में आगजनी और पथराव की घटनाएं सामने आईं, जहां बड़ी संख्या में पटेल समुदाय के लोगों ने बंद कराया। मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने गुजरात की जनता के लिए जारी एक वीडियो संदेश में बताया, ‘गुजरात में अर्धसैनिक बलों की कम से कम 53 कंपनियों को बुलाया गया है और कुछ समय बाद हम राज्य के अनेक हिस्सों में सेना को भी तैनात करेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें सोचना चाहिए कि सेना बुलाने की जरूरत क्यों आन पड़ी। गुजरात जैसे आदर्श राज्य में, जो कि शांति प्रिय राज्य है, वहां हमें बाहर से ऐसे बंदोबस्त करने पड़ रहे हैं। इससे क्या धारणा बनेगी। इसलिए मैं आपसे हाथ जोड़कर शांति बनाये रखने की अपील करती हूं।’

हार्दिक ने कल यहां कुछ देर के लिए हिरासत में लिये जाने के बाद बंद का आह्वान किया था। बाद में उसे छोड़ दिया गया था। नगर पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने हिंसा की घटनाओं के बाद शहर के निकोल, बापूनगर, रामोल, ओधव, नरोदा, नारायणपुरा, कृष्णनगर, घाटलोदिया और वदाज समेत नौ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। झा ने कहा कि जिन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है, वहां हालात पर पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है।

सूरत पुलिस नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने बताया कि करीब 1000 लोगों की भीड़ ने शहर के उढणा इलाके में सूरत नगर निगम के दो वेयरहाउसों में आग लगा दी। शहर में कई स्थानों पर बाइक, बसों और अन्य वाहनों में आग लगा दी गयी। सूरत का हीरा और कपड़ा कारोबार ठप रहा।

कानून व्यवस्था कायम करने में राज्य के स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए केंद्र ने त्वरित कार्यबल (आरएएफ), सीआरपीएफ और बीएसएफ के करीब 5,000 जवानों को भेजा है। सूरत पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया, ‘स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रिजर्व पुलिस बल (एसआरपी) की अतिरिक्त कंपनियों को शहर में तैनात किया गया है जबकि हमने केंद्रीय बलों की तैनाती की भी मांग की है, जिन्हें यहां आने के बाद तैनात किया जाएगा।’

मितेश सालुंके नाम के एक पुलिस अधिकारी उस समय गंभीर रूप से चोटिल हो गये जब कल रात शहर के लालगेट इलाके में हिंसा के दौरान भीड़ पथराव कर रही थी। सौराष्ट्र क्षेत्र में राजकोट, जामनगर, भावनगर और पोरबंदर में बंद रहा। पुलिस के अनुसार आज बंद के दौरान सभी चार जिलों में छिटपुट हिंसा की घटनाओं की खबर हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि राजकोट के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) गगनदीप गंभीर उपलेटा मार्ग इलाके के पास हुए पथराव में घायल हो गए। अहमदाबाद में स्कूल, कॉलेज, सिटी बस सेवा और बैंकों समेत कारोबारी प्रतिष्ठान आज बंद रहे। कल रात की हिंसा के बाद शहर के अधिकतर मार्ग सुनसान दिखाई दिये। उत्तरी गुजरात के अधिकतर शहरों में बंद रहा, वहीं वड़ोदरा समेत मध्य गुजरात में बंद के आह्वान पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। आणंद में भी बंद का मिलाजुला असर रहा। पुलिस ने कहा कि हार्दिक को हिरासत में लिये जाने के बाद कल रात पटेल समुदाय के लोगों ने आगजनी और पथराव किया तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने आंदोलनकारियों से शांति की अपील की और पुलिस से भी धर्य के साथ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। गुजरात से ही ताल्लुक रखने वाले और पटेल समुदाय के तोगड़िया ने हालांकि समुदाय की आरक्षण की मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की। अहमदाबाद शहर से हिंसा की 50 से अधिक घटनाएं प्रकाश में आईं, जिनमें बसों, पुलिस चौकियों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, वहीं कुछ जगहों पर पुलिस वालों पर भी हमले किये गये।

एजेंसी
error: Content is protected !!