computerनयी दिल्ली। केंद्र सरकार के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शहरी विकास मंत्रालय ने अब ई-गजट नोटिफिकेशन का निर्णय लिया है, इससे 90 टन काजग बचने की बात कही जा रही है।

बताया जा रहा है कि ई-गजट नोटिफिकेशन के चलते न तो गजट छपने में लंबा समय लगेगा और न  ही प्रिंटिंग पर पैसा और कागज बर्बाद करने की जरूरत होगी।

वहीं जनता और विभागों के लिए फायदा यह होगा कि घर बैठे या अपने ही ऑफिस में गजट की कॉपी को डाउनलोड कर सकेंगे। कंम्प्यूटर से निकाला गया गजट का प्रिंट सरकारी विभागों में मान्य होगा।

venkaiahशहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इस बारे में मंत्रालय के अधीन आने वाले प्रिंटिंग प्रेस निदेशालय को निर्देश दिए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही ई-गजट की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।  मौजूदा सिस्टम में बदलाव करने वाला विभाग या मंत्रालय नए गजट का पूरा मसौदा बनाकर प्रिंटिंग प्रेस निदेशालय को भेजता है, जो उसे प्रिंट करके उसकी कापियां फिर से विभागों को भेजता है।

इस सारी प्रक्रिया में लंबा वक्त तो लगता ही है, साथ ही इस तरह के गजट की कॉपियां निकालने पर हर साल 3.50 करोड़ पेज यानी 90 टन पेपर का प्रयोग किया जाता है। अगर ई-गजट शुरु होता है तो इससे न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से यह बेहतरीन कदम होगा बल्कि इससे सालाना 40 करोड़ रुपए की भी बचत होगी।

बताया जा रहा है कि शहरी विकास मंत्रालय ने प्रिटिंग प्रेस डायरेक्टरेट को कहा है कि जब भी उसके पास गजट का मसौदा पहुंचे, वह उसे पांच दिन के भीतर ई-गजट के रूप में तैयार कर दे। जब ई-गजट तैयार हो जाएगा तो कोई भी विभाग, मंत्रालय या लोग उसे कंम्प्यूटर से प्रिंट करके यूज कर सकेंगे।

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