0411201501-president-pranav-mukherji-at-national-defence-collegeनयी दिल्ली, 4 नवम्बर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भावी संघषरें के लिए बहु.राष्ट्रीय एवं बहु एजेंसी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है क्योंकि किसी देश की सुरक्षा अब सीमाई अखंडता को सुरक्षित रखने तक सीमित नहीं रह गयी है बल्कि इसके दायरे में आर्थिक, उर्जा एवं खाद्य सुरक्षा भी आती है।

उन्होंने कहा कि किसी देश को सुरक्षा के लिए आर्थिक, उर्जा, खाद्य, स्वास्थ्य, पर्यावरण और कई अन्य आयाम महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने नेशनल डिफेंस कालेज के 55वें बैच के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस पाठ्यक्रम के दल के सदस्यों में तीनों सशस्त्र बलों, आईएएस, आईपीएस तथा मित्र राष्ट्रों के अधिकारी शामिल होते हैं।

उन्होंने 1960 में एनडीसी का उद्घाटन करते समय पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शब्दों का स्मरण करते हुए कहा, ‘‘रक्षा अलग रहने वाला विषय नहीं है। यह आर्थिक, औद्योगिक एवं देश के अन्य पहलुओं से करीब से जुड़ा हुआ और उन सबको अपने दायरे में लेता है।’’ मुखर्जी ने कहा, ‘‘सभी क्षेत्रों एवं विषयों में व्यापक अनुसंधान एवं गुणवत्तापूर्ण विश्लेषण पूर्व शर्त है। इसके लिए विभिन्न विषयों के अध्ययन के मकसद से व्यापक नजरिया अपनाने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि सैन्य मामलों में आमूलचूल बदलाव और वैश्वीकरण के कारण सशस्त्र बलों की भूमिका का पारंपरिक सैन्य मामलों से काफी अधिक विस्तार हो चुका है।

error: Content is protected !!