नई दिल्ली, 5 नवम्बर। बिहार विधानसभा के लिए मतदान समाप्त हो जाने के बाद कराए गए सर्वेक्षणों (एक्जिट पोल) में से अधिकतर ने संभावना जतायी कि नीतीश कुमार नीत महागठबंधन की जीत होगी वहीं कुछ सर्वेक्षणों में भाजपा नीत समूह की विजय का अनुमान भी जताया गया है। विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है।
न्यूज24 चैनल पर टुडेज चाणक्य के सर्वेक्षण में भाजपा नीत राजग को भारी बहुमत मिलने की संभावना जतायी गयी है। इस सर्वेक्षण के अनुसार राजग को 155 सीटें (11 सीटें कम या ज्यादा) मिलने की संभावना है जबकि प्रतिद्वंद्वी जदयू नीत गठबंधन को 80 सीटें (नौ सीटें कम या ज्यादा) मिलने का अनुमान है। अन्य को पांच सीटें (तीन सीटें कम या ज्यादा) मिलने की संभावना है।
टाइम्स नाउ और सी-वोटर के सर्वेक्षण में 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन को 122 सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है वहीं न्यूज एक्स ने इस गठबंधन को 130 से 140 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया है। दोनों टीवी चैनलों ने भाजपा नीत गठबंधन को कमश: 111 तथा 90 से 100 सीटें मिलने की बात कही है।
इंडिया टुडे-सिसेरा एक्जिट पोल ने भाजपा, लोजपा, हम और रालोसपा के गठबंधन राजग को 113 से 127 सीटें मिलने की संभावना जतायी है। इस सर्वेक्षण में जदयू नीत गठबंधन को 111 से 123 सीटें मिलने की बात कही गयी है। हिन्दी न्यूज चैनल इंडिया टीवी ने जदयू गठबंधन को 112 से 132 सीटें मिलने की संभावना जतायी है जबकि राजग को 101 से 121 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।
न्यूज नेशन चैनल ने नीतीश कुमार नीत गठबंधन को 120 से 124 सीटें यानी साधारण बहुमत मिलने की संभावना जतायी है। इस सर्वेक्षण में उनके प्रतिद्वंद्वी गठबंधन को 115 से 119 सीटें मिलने का अनुमान है। एबीपी-नील्सन ने जदयू नीत गठबंधन को 130 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की है। इस सर्वेक्षण में भाजपा के गठबंधन को 108 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। अन्य को पांच सीटें मिलने की संभावना है।
निवर्तमान विधानसभा के लिए 2010 में हुए चुनाव में जदयू और भाजपा ने साथ साथ चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत हासिल किया था। जदयू को जहां 115 सीटें मिली थीं वहीं भाजपा को 91 सीटें मिली थीं। उस चुनाव में राजद को 22 और कांग्रेस को चार सीटों पर कामयाबी मिली थी।
जदयू-भाजपा गठबंधन 2013 में टूट गया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की कि 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख नरेंद्र मोदी को बनाए जाने के भाजपा के फैसले को लेकर उनकी पार्टी राजग से अलग हो रही है।
पिछले साल हुए संसदीय चुनाव में भाजपा को 40 में से 22 सीटें मिली थीं जबकि उसके सहयोगी दलों को नौ सीटें मिली थीं। राजद और जदयू ने अलग अलग चुनाव लड़ा था और उसे क्रमश: चार एवं दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को भी दो सीटें मिली थीं जबकि एक सीट राकांपा को मिली थी।
जीन्यूज.काम से साभार